विश्व पटल पर हिंदी का वातावरण बनाना ही है दिवस की सार्थकता, भारत रत्न अटल जी ने संयुक्त राष्ट्र में दिया था हिंदी भाषण - अरविंद यादव





जखनियां। विश्व हिंदी दिवस के मौके पर रविवार को जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसी क्रम में समाजसेवी अरविन्द यादव ने हिन्दी साहित्यकारों और पत्रकारों को हिन्दी भाषा को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिये आभार जताया। हिन्दी को देश के संस्कृति की अनमोल धरोहर बताते हुए कहा कि 10 जनवरी 2006 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विश्व हिन्दी दिवस की घोषणा की। बताया कि इसका मुख्य मकसद हिंदी को अंतरराष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिलाना और प्रचार प्रसार करना है। साथ ही हिंदी को जन-जन तक पहुंचाना है। कहा कि विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए वातावरण निर्मित करना, हिन्दी के प्रति अनुराग पैदा करना, हिन्दी की दशा के लिए जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को विश्व भाषा के रूप में प्रस्तुत करना ही इस दिन की सार्थकता है। कहा कि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी विश्व पटल पर हिंदी भाषा में ही भाषण देते हैं। इससे पहले दिवगंत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण दिया था।



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