ग्रीन पटाखे तो दूर की बात, ये तो ट्रांसफार्मर के नीचे ही बेच रहे पटाखे
नंदगंज। सुप्रीम कोर्ट में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पटाखों के लिए समय सीमा की बाध्यता के साथ ही ग्रीन पटाखों की गाइड लाइन जारी की है। लेकिन नंदगंज में सहित अन्य क्षेत्रों में इसका असर जरा भी देखने को नहीं मिल रहा है। यहां तक कि पटाखों के दुकानदार जनता की सुरक्षा संग खिलवाड़ करने से भी नहीं चूक रहे हैं। स्थानीय थाना क्षेत्र के भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी पटाखे बिक रहे हैं। यहाँ तक कि स्टेशन चौराहे पर लगे ट्रांसफार्मरों के बगल में भी प्रकाश पर्व पर पटाखों की बिक्री जोरों पर है। रिहायशी और व्यावसायिक इलाके में बारूद के ढेर जमा हैं। बाजार के सबसे व्यस्ततम और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पटाखे की दर्जन भर दुकानें चल रही हैं। नियम कानून को ताक पर रखकर चलने वाली इन दुकानों पर स्थानीय प्रशासन ने अभी तक एक भी कार्रवाई नहीं की है। पटाखों की दुकानों पर जो भी अग्निशमन यंत्र हैं, वे मानकविहीन हैं वहीं कुछ दुकानें तो बिना लाईसेंस के भी चल रही हैं। मीडिया के पहुंचने पर निःशुल्क कुछ पटाखे देने का प्रलोभन भी पटाखा विक्रेताओं द्वारा दिया जा रहा है। जबकि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में पटाखों की बिक्री वर्जित है।