रोशनी के पर्व पर बुझ गया घर का चिराग





बिरनो। बच्चों के लिए पटाखे व घर को रोशन करने के लिए दियों का इंतजाम करने के लिए मजदूरी करने जा रहे मजदूर की मौत के साथ ही रोशनी के पर्व दीवाली के दिन पूरे परिवार का भविष्य अंधेरे में डूब गया। थानाक्षेत्र के कहोतरी गांव में बुधवार की सुबह ढलाई मशीन से कुचलने से मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई। मजदूर मशीन पर ही बैठकर काम पर जा रहा था। तभी संतुलन बिगड़ने से वो सड़क पर गिरा और मशीन उसे रौंदते हुए आगे निकल गई। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मरदह के उचौर निवासी कैलाश पासी 50 मजदूरी कर परिवार का पेट पालता था। बुधवार को वो दीवाली के दिन भी इस उद्देश्य के साथ नोनहरा के बलुआ में मजदूरी करने जा रहा था कि इससे वो अपने बच्चों के लिए मिठाई पटाखे व घर के लिए दिए लेकर घर जाएगा। लेकिन कहोतरी गांव के पास ही जिस ढलाई मशीन पर चढ़कर वो जा रहा था उसी के नीचे आ गया। जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही घर में कोहराम मच गया। दो पुत्र व तीन पुत्रियों के पिता कैलाश की मौत पर गांव में भी सन्नाटा छा गया। पत्नी बार बार अचेत हो जा रही थी। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं घटना की लोगों में चर्चा थी कि दीवाली के दिन घर के इकलौते कमासुत रूपी दीपक बुझ गया।



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