भैंस चराने गए दो मासूम तालाब में डूबे, दोनों गांवों में मचा कोहराम





बहरियाबाद। थाना क्षेत्र के पलिवार गांव में रविवार को भैंस चराने गये दो किशोर तालाब में नहाते समय डूब गये। जिससे उनकी मौत हो गई। मौत की खबर सुनते ही दोनों किशोरों के गांव में कोहराम मच गया। घंटों तक काफी मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने दोनों का शव निकाला। रविवार की सुबह लगभग 7 बजे भंवरूपुर निवासी अजय पाल 14 पुत्र दुक्खी पाल तथा पड़ोसी गाँव भरतपुर का बृजेश यादव 15 पुत्र सूबेदार यादव भंवरूपुर के नागेन्द्र पाल संग रोज की तरह भैंस चराने के लिए घर से करीब एक किमी दूर पलिवार गांव स्थित सरकारी ट्यूबवेल के पास नहर के किनारे तालाब पर गया था। वहां पहुंचने के बाद सभी ने अपनी भैंसों को चराने के बाद तालाब में नहलाया और फिर बृजेश व अजय तालाब में खुद नहाने लगे। साथ गया तीसरा किशोर नागेन्द्र बाहर ही बैठा रहा। कुछ ही देर बाद उसे दोनों नजर नहीं आए तो उसे कुछ शंका हुई और उसने शोर मचाया। जिसके बाद वहीं पर सड़क पर मनरेगा के तहत मिट्टी का काम कर रहे मजदूर शोर सुनकर पहुंचे। नागेंद्र ने दोनों के डूबने की बात बताई तो मजदूर तत्काल तालाब में कूद पड़े और घंटों तक मशक्कत के बाद दोनों के शवों को बाहर निकाला। इधर सूचना पाकर उनके परिजन भी रोते बिलखते पहुंच गए थे। अपने बच्चों के शवों को देखकर वो चीख उठे और तत्काल उन्हें लेकर आजमगढ़ के परमानपुर व बहरियाबाद में ही निजी चिकित्सक के यहाँ ले गये जहाँ उन्होंने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद वो शव को लेकर घर आए। मौत के बाद दोनों गांवों में कोहराम मच गया था। वहां सैकड़ों की जुटी भीड़ भी परिजनों का करूण क्रंदन देख मर्माहत हो गई थी। मृतक बृजेश दो भाईयों में बड़ा था और इसी वर्ष बहरियाबाद स्थित सुभाष विद्या मंदिर इंटर कालेज में कक्षा 9 में प्रवेश लिया था। बड़े भाई का शव देख भाई आनंद व मां आशा का बुरा हाल था। पिता सूबेदार बेसुध होकर बस बेटे के शव को एकटक निहार रहे थे। वहीं अजय की मां उर्मिला बेटे की लाश देखकर अचेत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि सूबेदार बेहद गरीब है और पशुपालन कर परिवार का भरण पोषण करता है। बृजेश उसे हमेशा कहता था कि वो बड़ा होकर खूब कमाएगा। वहीं मृतक अजय तीन भाई व दो बहनों सबसे छोटा दुलारा भाई था। पलिवार स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 6 का छात्र अजय काफी मेधावी था। पिता दुक्खी पंजाब में मजदूरी कर परिवार का गुजर बसर करते हैं और 20 दिनों पूर्व ही वो छुट्टी लेकर आए थे। उसका बड़ा भाई सुरेंद्र मुंबई में काम करता है और उससे छोटा भाई और बड़ी बहन मानसिक रूप से कमजोर है। घटना के बाद ग्राम प्रधान कैलाश पाल ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंचे हल्का लेखपाल ने मौका मुआयना किया। इस घटना के बाद दोनों गांवों के लोग सकते में हैं।



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