आसमान छू रही दाल की कीमतें, गरीबों की थाली से दूर हो रहे पौष्टिक आहार



अमित सहाय



बहरियाबाद। मोदी सरकार 2.0 में महंगाई नियंत्रित होने का नाम नहीं ले रही है। जिसके चलते स्थानीय बाजार सहित क्षेत्र के अन्य बाज़ारों में सब्जी के साथ ही दाल के दाम भी आसमान छूने से आम आदमी दो वक्त की रोटी को लेकर परेशान हो गया है। बहरियाबाद सहित रायपुर, मिर्जापुर, हुरमुजपुर, मखदुमपुर आदि बाजारों में अरहर की दाल 95 से 110 रूपये, मटर की दाल 60 से 65 तथा चने की दाल 75 से 80 रूपए प्रति किग्रा की दर से बिकने की वजह से ये गरीबों की थाली और उनके पेट से भी दूर हो गई है। स्थिति यह है कि आम आदमी की थाली में दाल है तो सब्जी नहीं और सब्जी है तो दाल नहीं। जिससे एक स्वस्थ व्यक्ति को जो पौष्टिक आहार चाहिए वह नहीं मिल पा रहा है। सुभाष विद्या मंदिर इंटर कालेज के प्रवक्ता संजय दूबे ने बताया कि एक व्यक्ति को प्रत्येक दिन लगभग 2500 कैलोरी ऊर्जा की आवश्यकता होती है। अधिकतर कैलोरी ऊर्जा की प्राप्ति भोजन के दाल व हरी सब्जियों से ही प्राप्त होती है। वहीं पानी टंकी त्रिमुहानी के राशन के दुकानदार राधेश्याम मद्धेशिया ने बताया कि पिछले दो माह से लगन के प्रारंभ से ही दाल के दामों में जो वृद्धि प्रारंभ हुआ वह घटने का नाम ही नहीं ले रहा है। लारपुर निवासी राजगीर गुड्डू, कस्बा निवासी बालवर बेचू तथा पान विक्रेता राजेश यादव का कहना है कि दाल के दामों में बेतहाशा वृद्धि हो जानें से दाल आम आदमी की जेब के साथ ही पेट से भी दूर होती जा रही है।



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