नरेंद्र मोदी सरकार की आंखों पर विद्युत अधिकारियों ने पट्टी बांधकर करा दिया था कमल ज्योति कार्यक्रम का आयोजन



अमित सहाय की खास खबर



बहरियाबाद। एक तरफ मोदी सरकार का दावा है कि पूरे देश में बिजली पहुंच चुकी है और उन्होंने इसी उपलब्धि के साथ बीते दिनों कमल ज्योति कार्यक्रम आयोजित कर अपना यशोगान भी गा लिया कि पूरे देश भर में बिजली पहुंच गई है। लेकिन सादात विकास खंड के गौरा ग्राम पंचायत एक एक हिस्सा ऐसा भी है जहां आजादी के बाद से अब तक बिजली नहीं पहुंची है और यहां के लोग अंधेरे में रहने को विवश हैं। गांव के उत्तरी छोर पर मच्छरबंधा ताल पर बसे करीब 40-45 घर आज भी बिजली से लाभान्वित नहीं हैं। हालांकि विभाग द्वारा बीते 25 जनवरी को ही यहां पर बिजली का खम्भा, तार, ट्रांसफार्मर व हर घरों में मीटर लगा दिया गया जिसके बाद पूरे क्षेत्र के लोग बेहद खुश हो गए। लेकिन अब करीब साढ़े 4 माह बीत जाने के बावजूद विद्युत आपूर्ति न हो पाने के चलते लोगों में नाराजगी भी है। उनका कहना है कि उस समय सरकार अपनी उपलब्धि गा रही थी जिसके लिए हर क्षेत्र विद्युतीकरण से जुड़ा होना जरूरी था। ऐसे में विभाग के लोगों ने सरकार को दिखाने के लिए संसाधन तो लगाकर वाहवाही ले ली लेकिन अब कार्यक्रम बीत जाने के बाद आपूर्ति करने की आवश्यकता भी नहीं समझ रहे हैं। उनका कहना है कि आपूर्ति शुरू कर दिया जाता तो हमें भी ढिबरी युग से निजात मिल जाता और हम भी विद्युत उपकरणों का लाभ ले पाते। बताया कि यहां के 40 से 45 घरों में सिर्फ बिरजू राजभर के यहाँ ही टीवी है। उन्होंने अपने घर में सोलर प्लांट लगवाया है जिसका लाभ वो लेते हैं। इस बाबत जब गांव में टीम पहुंची तो लोगों ने विकास कार्यों की खुशी तो जाहिर की लेकिन कुछ योजनाओं का लाभ न मिलने से नाराजगी भी दिखाई। बताया कि शौचालय का लाभ लगभग सभी को मिला है लेकिन नंदलाल राजभर इससे वंचित हैं। हालाकि उनको आवास मिला है पर एक वर्ष बाद भी निर्माण नींव से ऊपर नही आ सका है। यही हाल शिववचन राजभर के आवास का भी है। उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गांव के कुल 45 परिवारों को लाभ मिला है पर शांति पत्नी शिवचंद राजभर, रजवंता पत्नी नंदू व तारा पत्नी संजय लाभान्वित न होने से निराश है। महेंद्र यादव, शिव यादव, संजय यादव, रूपचन्द राजभर, शिवचंद राजभर आदि का कहना है कि कोटेदार मनमानी करता है। सूची में नाम होने के बाद भी राशन नही मिलता। मिट्टी का तेल कभी एक लीटर तो कभी दो लीटर ही मिल पाता है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार हमारे आने-जाने के लिए मिट्टी के सड़क को जो लगभग एक किमी है उसे पक्की सड़क में बदल देती तो बरसात में आवागमन को लेकर जो समस्या होती है उससे निजात मिल जाती। बताया कि बरसात के दिनों में रिश्तेदार भी आने से परहेज करते हैं। जब उनसे आयुष्मान योजना, फसल बीमा और कृषि खरीद की कीमत के बारे में बात की गई तो वह पूरी तरह से अनभिज्ञ दिखाई दिये। प्रधान मनोज सिंह ने बताया कि वर्ष 2017-18 में कुल 6 आवास आवंटित किये गये। जिसके प्रथम किस्त का काम हो चुका है। वहीं 2018-19 में भी 5 आवास आया है। ग्राम पंचायत के कुल 463 परिवारों को राशन-तेल, 173 परिवारों को शौचालय तथा लगभग 50 परिवारों को उज्ज्वला योजना का लाभ मिला है। इसके अलावा अकेले रहने वाले दोनों पैरों से पूरी तरह से दिव्यांग रूपचन्द राजभर सरकारी योजनाओं से खुश तो हैं लेकिन आवास न मिलने से नाराज भी हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें पेंशन व शौचालय का लाभ मिला है।



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