देवकली : बहू को अपनी बेटी और सास-ससुर को अपने माता-पिता के रूप में स्वीकार करने वाला परिवार बन जाता है स्वर्ग - बाल व्यास





देवकली। क्षेत्र के नसीरपुर मऊपारा में चल रहे 7 दिवसीय शिव पार्वती महायज्ञ के तीसरे दिन भी वृन्दावन से आये 14 वर्षीय बाल व्यास कृष्णा शरण महाराज ने प्रवचन किया। उन्होंने कहा ने जिस दिन परिवार में हर सास अपनी बहू को अपनी बेटी के रूप में स्वीकार कर सम्मान और हर बहू अपने सास व ससुर को अपने माता व पिता के रूप में स्वीकार कर उनकी सेवा करेगी, उस दिन से वो हर परिवार स्वर्ग बन जायेगा। कहा कि आज भी सबसे बड़ा दान कन्यादान ही होता है। कहा कि समय चक्र तेजी के साथ बदल रहा है। बालिकाएं प्रत्येक क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रही हैं। जिस घर में महिलाओं का सम्मान होता है, वहां लक्ष्मी का वास होता है और जहां अपमान होता है, वह परिवार बिखर कर नर्क तुल्य बन जाता है। कहा कि माता पिता की सेवा करना परमात्मा की सेवा करने जैसा है। कहा कि जिस घर में बहू का आदर नहीं होता, उस घर की बेटी जब दूसरे के घर जाती है तो वहां प्रताड़ित होती है। कहा कि जब-जब पृथ्वी पर अत्याचार बढ़ता है, परमात्मा किसी न किसी रुप में भक्तो की रक्षा करने लिए इस अवतार लेते हैं। संचालन व्यवस्थापक नायक यादव ने किया।



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