कालाजार के लिए हो रहे बचाव कार्यों का भौतिक सत्यापन करने पहुंची विशेष टीम





गाजीपुर। जनपद के 5 ब्लॉकों के कालाजार संभावित जोखिम क्षेत्र के नौ गांव में 26 मार्च से 10 मई तक कालाजार से बचाव के लिए छिड़काव किया जा रहा है जिसका भौतिक सत्यापन करने के लिए भारत सरकार और प्रदेश सरकार की दो सदस्यीय टीम इन इलाकों पर पहुंची। विभाग के अधिकारियों के साथ कालाजार प्रभावित गांव में कालाजार से पीड़ित लोगों से मुलाकात की और विभाग के द्वारा किए गए कार्यों का फीडबैक भी लिया। इस दौरान अधिकारियों ने कालाजार से लक्षण और बचाव के बारे में भी जानकारी दी। यह छिड़काव का कार्य जनपद के मोहम्मदाबाद ब्लॉक के फैजुल्लापुर और रघुवर गंज, भावर कोल ब्लॉक के गोडउर, सूखडहेरा और बीरपुर, कासिमाबाद ब्लॉक के मनेरिया, बाराचवर ब्लॉक के असावर और अकटहि, मनिहारी ब्लॉक के कुकुडहा गांव में चल रहा है जो कालाजार से प्रभावित हैं। भारत सरकार की ओर से भेजे गए एनजीओ एफआरएचएस (फ़ाउंडेशन फॉर रिसर्च एंड हैल्थ सिस्टम) के एमएंडई अधिकारी अंचिंत्य श्रीवास्तव और प्रदेश सरकार की ओर से डॉ. अखिलेश कुमार व जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. बेदी यादव और उनके सहयोगियों के साथ कालाजर से पीड़ित गांव बीरपुर गोडउर और रघुवरगंज का दौरा किया। यहाँ तीन वर्ष पूर्व कालाजार से चिह्नित किए गए लोगों से मुलाकात की जिसमें उन्होंने गोड़उर के राजू और देव कुमारी रघुवर गंज में देवी, सलमा और निशा खातून से मिले। इस दौरान मरीजों की चल रही दवा और उसके प्रभाव आदि का फीडबैक लिया। इसके पश्चात टीम गाजीपुर मुख्यालय पहुंची और विभागीय लैब को भी चेक किया। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. बेदी यादव ने बताया कि कालाजार के पाए गए मरीजों की जांच के लिए किट उपलब्ध है जिससे मरीजों की जांच कर पॉज़िटिव आने पर इलाज शुरू किया जाता है। बताया कि कालाजार, बालू मक्खी के द्वारा फैलता है। यह ग्रामीण इलाकों के मिट्टी के घरों के दरारों में पनपती है जो इतनी छोटी होती हैं कि इन्हें देख पाना भी मुश्किल होता है। उन्होंने बताया कि यदि किसी को 15 दिन से अधिक बुखार हो, खून की कमी, वजन कम होना और भूख न लगती हो तो यह कालाजार के लक्षण हो सकते हैं ऐसी स्थिति में स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर तुरंत उपचार लें। कालाजार से बचने के लिए बालू मक्खी को अपने आसपास पनपने न दें और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।



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