सिर्फ सत्ता के लोभ में देश में आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस ही संसद में लहरा रही है संविधान की प्रति, आनी चाहिए शर्म - एमएलसी





गाजीपुर। भाजपा के जिला कार्यालय पर भाजपा ने हर साल की तरह की इस साल भी आपात काल दिवस को काले दिन के रूप में मनाया और लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने इसे भारतीय लोकतंत्र एवं राजनीति का सबसे दुःखद और काला अध्याय बताते हुए लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित किया और गोष्ठी करके काला दिवस मनाया। इस दौरान बतौर मुख्य अतिथि एमएलसी धर्मेंद्र राय ने कहा कि आजादी से लेकर अब तक देश में लोकतंत्र की रक्षा, सीमाओं की सुरक्षा तथा राष्ट्रीय सम्मान के हर अवसर पर गाजीपुर ने सदैव बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। गाजीपुर ने कभी अन्याय और अत्याचार को बर्दाश्त नहीं किया है। जिसका परिणाम है कि इसी धरती के सपूत रामबहादुर राय ने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की लड़ाई का नेतृत्व किया। कहा कि कांग्रेस पार्टी सत्ता की सदैव से लोभी रही है और कांग्रेस ने लोकतंत्र को घायल करने से लेकर जनता की आवाज को दबाने तक का हमेशा से काम किया है। प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कृष्ण बिहारी राय ने कहा कि संसद में संविधान की प्रति लहराने वाली कांग्रेस को 25 जून 1975 के आपात काल के इतिहास को याद करने की जरूरत है। कांग्रेस का कृत्य सूर्य पर थूकने के समान है। कहा कि 1975 की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बिना किसी जरूरत के सिर्फ सत्ता में बने रहने के लिए आपातकाल लगाकर लोकतंत्र को कलंकित किया है। कहा कि उस समय अखबारों और समाचार पत्रों पर प्रतिबंध लगाने तथा अभिव्यक्ति की आजादी को छीनने वाले लोगों को शर्म आनी चाहिए। आज वो सही खबरों को प्रसारित करने वाली मीडिया को गोदी मीडिया का नाम दे रहे हैं। इसके पश्चात आपातकाल में जेल जाने वाले सभी लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित किया। लोकतंत्र सेनानी प्रेम सिंह तथा ओमप्रकाश अरूण ने अपने संघर्षों से भरे जेल यातना के बारे में बताते हुए बिना सपा का नाम लिए कहा कि लोहिया ने कभी भी कांग्रेस का समर्थन नहीं किया, जैसा कि आज खुद को उनके पद चिन्हों पर चलने वाला कहने वाले लोग सिर्फ सत्ता में आने के लिए कर रहे हैं। कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानी मोतीलाल तिवारी, सुदामा यादव, उदय प्रताप सिंह, सदाशिव तिवारी, प्रेम सिंह, ओम प्रकाश अरुण, पटेल पाल, रामलाल यादव, राजेंद्र सिंह यादव, रामनाथ यादव, रमाशंकर सिंह चौहान, वासुदेव यादव, मुन्ना यादव, चंद्रभान सिंह, शशिकांत पांडेय, ज्ञानती देवी, ओमप्रकाश लाल श्रीवास्तव, नरसिंह सिंह, मुन्नीलाल पाल, पारस दुबे, जयराम यादव आदि का माल्यार्पण व अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इसके पश्चात लोकतंत्र सेनानी वाल्मीकि सिंह व जयश्री यादव के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर भानुप्रताप सिंह, पारसनाथ राय, बृजेन्द्र राय, शोभनाथ यादव, रामनरेश कुशवाहा, प्रवीण सिंह, दयाशंकर पांडेय, जितेंद्र नाथ पांडेय, व्यास मुनि राय, विनोद अग्रवाल, शशिकांत शर्मा, शैलेश राम आदि रहे।



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