शासन ने स्वास्थ्य केंद्रों के नाम तो बदले लेकिन नहीं बदल सकी उनकी हालत, अब भी दुर्व्यवस्था झेल रहे केंद्र
खानपुर। क्षेत्र के आयुष्मान, स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों का नाम बदल कर आयुष्मान आरोग्य मंदिर कर दिया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आने वाले इन चिकित्सा केंद्रों का नाम तो बदल दिया गया पर इनकी बदहाली में अब तक कोई सुधार नहीं आ सका। गोरखा गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में बनाए गए आरोग्य मंदिर का कक्ष बनाकर छोड़ दिया गया है। चार महीने पूर्व बने इस आरोग्य मंदिर में आज तक कोई फर्नीचर या चिकित्सकीय उपकरण नहीं पहुंचा है। स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सकों की उपस्थिति भी कभी कभार ही होती है। आम जनता को बीमारी से आरोग्यता की ओर ले जाने में अब एक कदम आगे बढ़ते हुए आयुष्मान भारत के सपने को साकार करने के लिए योजना का नाम बदलने का फैसला किया गया है। लेकिन स्वास्थ्य केंद्रों पर कोई मूलभूत सुविधा या बुनियादी चिकित्सीय व्यवस्था नहीं बढ़ाई गई है। नए नाम वाले आयुष्मान भारत के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की नई टैगलाइन ‘आरोग्यम परमं धनम्’ ही रखा गया है। कई बौद्ध अनुनायी और मुस्लिम कट्टरपंथी लोग सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र को मंदिर नाम दिए जाने पर आपत्ति जता रहे हैं। सैदपुर के चिकित्साधिकारी डॉ दीपक पांडेय ने बताया कि सभी वेलनेस सेंटरों के नाम बदलने के साथ ही उन्हें उच्चीकृत स्वास्थ्य सेवा के लिए तैयार किया जा रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के भी नए नामकरण की तैयारी चल रही है। आयुष्मान आरोग्य मन्दिर में सामान्य बीमारियों के इलाज के साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टरों से ऑनलाइन चिकित्सीय परामर्श की सुविधा भी मिलेगी।