राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर सीएमओ ने गोली खिलाकर किया शुभारंभ, 5001 स्कूलों व 4186 आंगनबाड़ी केंद्रों पर हुआ आयोजन
गोरखपुर। पेट में कृमि संक्रमण को रोकने के लिए बच्चों व किशोर किशोरियों में छह प्रकार की सावधानी जरूरी है। साथ ही उन्हें साल भर में छह-छह माह पर दो बार पेट से कीड़े निकालने की दवा खिलाना आवश्यक है। यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने पिपरौली के उच्च प्राथमिक विद्यालय पर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान का शुभारम्भ करते हुए कहीं। सीएमओ की मौजूदगी में विद्यालय के 342 विद्यार्थियों को दवा खिलाई गई। जिले के सभी ब्लॉक के 5001 स्कूलों और 4186 आंगनबाड़ी केंद्रों पर एक से 19 वर्ष आयु वर्ग के लाभार्थियों को यह दवा खिलाई गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अभिनव कुमार मिश्र ने महानगर के सिविल लाइन आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों को दवा का सेवन कराया। बताया कि बच्चों में स्वस्थ आदतों का विकास करके उन्हें कृमि से बचाया जा सकता है और इससे वह खुशहाल जिंदगी जी सकते हैं। शरीर में कृमि संक्रमण के कारण खून की कमी, कुपोषण, थकावट व बीमारी एवं कमजोरी की दिक्कत हो जाती हैं। इससे बचाव के लिए प्रत्येक छह माह में खिलाई जाने वाली दवा पूरी तरह से सुरक्षित है। इसी कड़ी में एक फरवरी को दवा खिलाई गई है। इसका सेवन शिक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के सामने ही किया जाना चाहिए। अभियान में किसी कारण दवा न खाने वाले लाभार्थियों के अभिभावक, उनसे जुड़े शिक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उन्हें पांच फरवरी को मॉप अप राउंड के दौरान इस दवा का सेवन अवश्य करवा दें। बताया कि इस अभियान में एवीडेंस एक्शन संस्था के प्रतिनिधि प्रदीप मिश्रा सहयोग कर रहे हैं। अभियान के दौरान करीब 23.23 लाख लाभार्थियों को दवा खिलाने का लक्ष्य है। पिछले साल चले अभियान में 92 फीसदी लाभार्थियों को दवा खिलाई गयी थी। इस मौके पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा व सूचना अधिकारी केएन बरनवाल, डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय, अधीक्षक डॉ शिवानंद मिश्रा बीसीपीएम शिवकुमार आदि रहे।