कृषि के क्षेत्र में रोजगार सृजन की हैं अपार संभावनाएं, पीजी कॉलेज के प्राचार्य ने दी जानकारी





गाजीपुर। जिले के पीजी कॉलेज में चल रहे बीएससी कृषि के 7वें सेमेस्टर के प्रशिक्षुओं का 7 दिवसीय ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव के ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान प्राचार्य प्रो. डॉ. राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने कहा कि आज के वैश्विक परिवेश में कृषि के क्षेत्र में रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं हैं। विश्व की बढ़ती जनसंख्या को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए कृषि उपज का उत्पादन वैश्विक मांग के अनुरूप बढ़ाने के लिए कृषि के क्षेत्र में वैज्ञानिक तकनीकी का प्रयोग करना होगा। यह ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव कार्यक्रम कृषि स्नातक पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष की एक प्रमुख गतिविधि है, जिसमें कृषि स्नातकों को पेशेवर कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से कृषि स्नातकों में उद्यमशीलता स्थापित हो सके और कृषि क्षेत्र में अपना रोजगार तलाश कर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती दे सकें। कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर प्रो. डॉ. जी. सिंह ने कार्यक्रम के उद्देश्यों एवं इसकी रूपरेखा पर बोलते हुए कहा कि छात्रों को कृषि एवं ग्रामीण विकास में वर्तमान और उभरते अवसरों व चुनौतियों से छात्रों को अवगत कराए जाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने कृषि स्नातक पाठ्यक्रम में इसे शामिल किया है। जिसके अंतर्गत छात्रों को 20 सप्ताह तक प्रशिक्षण लेना होगा, जिसमें एक सप्ताह अपने कॉलेज कैम्पस में प्रशिक्षण लेना होगा, 5 सप्ताह तक कृषि विज्ञान केंद्र में, 3 सप्ताह तक प्लांट हेल्थ क्लिनिक में, 8 सप्ताह तक गाँव में किसानों के साथ व्यवहारिक प्रशिक्षण, 3 सप्ताह तक एग्रोइंडस्ट्री में प्रशिक्षण और एक सप्ताह तक प्रोजेक्ट तैयार करने व प्रस्तुत करने का प्रशिक्षण लेना होगा। इस मौके पर प्रो. डॉ. अरुण कुमार यादव, प्रो. डॉ. सत्येंद्र नाथ सिंह, डॉ. योगेश कुमार, डॉ. शिव शंकर यादव, डॉ. कृष्ण कुमार पटेल, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. सुधीर कुमार सिंह, डॉ. पीयूष कांत सिंह, डॉ. मनोज कुमार मिश्र, डॉ. हेमंत सिंह आदि रहे।



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