टीबी के खात्मे के लिए लिया गया संकल्प, डीएचएस की बैठक में अभियानों की सफलता के लिए हुआ मंथन





गोरखपुर। जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक जिला विकास अधिकारी राज मणि वर्मा की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में बुधवार को देर शाम तक चली। बैठक के दौरान जिले में चल रहे विभिन्न अभियानों को सफल बनाने का निर्देश दिया गया। जिला विकास अधिकारी ने जिले में आई विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं से अधिकाधिक लाभार्थियों को जोड़ने के लिए कहा। बैठक में पुरूष नसबंदी पखवाड़ा, पल्स पोलियो अभियान, पीएमएमवीवाई अभियान और तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम खासतौर पर चर्चा के केंद्र रहे। सबसे अहम मुद्दा टीबी उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे सक्रिय क्षय रोगी खोजी (एसीएफ) अभियान का रहा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने सभी संबंधित अधिकारियों से कहा कि अभियान के दौरान कोई भी संभावित क्षय रोगी जांच व इलाज से वंचित न रह पाए। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ गणेश यादव ने बैठक शुरू होते ही अभियान के बारे में चर्चा शुरू की तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 तक देश से टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। इसमें जिले का योगदान भी अहम है। यह तभी संभव हो पाएगा जब कि अभियान के साथ साथ ओपीडी में आने वाले कुल मरीजों में से कम से कम पांच फीसदी मरीजों की टीबी जांच कराई जाए। अगर कोई भी टीबी मरीज जांच और इलाज से वंचित रहता है तो वह एक वर्ष में 10 से 15 लोगों को संक्रमित कर सकता है। अभियान के दौरान लगाई गई टीम की गतिविधियों की सभी अधीक्षक और प्रभारी चिकित्सा अधिकारी नियमित समीक्षा करें। आशा, एएनएम और सीएचओ की मदद से अधिकाधिक टीबी रोगियों की जांच की जाए। यह अभियान पांच दिसम्बर तक चलेगा और इस दौरान जिले की 20 फीसदी आबादी की टीबी स्क्रीनिंग सुनिश्चित होनी चाहिए। पुरूष नसबंदी पखवाड़े के संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम दो पुरूष नसबंदी अवश्य हो। समुदाय में संदेश दिया जाए कि पुरूष नसबंदी सरल और सुरक्षित है। इसका कोई प्रतिकूल असर नहीं होता है। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत प्रत्येक आशा कार्यकर्ता कम से कम दो लाभार्थियों का पंजीकरण कराएं। योजना के तहत पहली बार पात्र गर्भवती को दो किस्तों में 5000 रुपये, जबकि दूसरी गर्भावस्था के दौरान बेटी पैदा होने पर एक किस्त में 6000 रुपये खाते में देने का प्रावधान है। आगामी 10 दिसम्बर से प्रस्तावित पल्स पोलियो अभियान का माइक्रोप्लान भी तैयार करने को कहा गया और साथ ही नियमित टीकाकरण के प्रति उदासीन परिवारों को प्रेरित कर टीकाकरण का निर्देश दिया गया। नवजात शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम के बारे में चर्चा के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि संस्थागत प्रसव के लिए आने वाला कोई भी बच्चा टीके की वर्थ डोज से वंचित न रहे। तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम पर चर्चा के दौरान सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वह अपने परिसर को तम्बाकू मुक्त घोषित करें और धूम्रपान करने वालों पर जुर्माना भी लगाएं। इस अवसर पर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ राजेंद्र ठाकुर, महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ जय कुमार, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के वित्त नियंत्रक अशोक सिंह, एसीएमओ डॉ एके चौधरी, डॉ नंदलाल कुशवाहा, डॉ गणेश यादव, स्वास्थ्य विभाग के वित्त नियंत्रक डॉ राजीव वर्मा, अधीक्षक डॉ अम्बुज श्रीवास्तव, डीएमओ अंगद सिंह, डीडीएचईआईओ सुनीता पटेल, एनएचएम के मंडलीय समन्वयक अरविंद पांडेय, डीपीएम पंकज आनंद, डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय, डीडीएम पवन कुमार गुप्ता, डैम पवन, क्वालिटी सेल से विजय श्रीवास्तव आदि रहे।



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