नेहरू-गांधी परिवार के 12वें सदस्य ने लिया राजनीति में प्रवेश, सोनिया नहीं प्रियंका वाड्रा होंगी रायबरेली से उम्मीदवार





नई दिल्ली। राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी को पूर्वी यूपी की प्रभारी बनाकर मां सोनिया गांधी की सक्रिय चुनावी राजनीति से विदाई का रास्ता साफ कर दिया है। तय योजना के मुताबिक, इस बार सोनिया की जगह प्रियंका रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। सोनिया की भूमिका कांग्रेस में मार्गदर्शक की होगी। जरूरत पड़ी तो यूपीए चेयरपर्सन बनी रह सकती हैं। उधर, मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, विजयलक्ष्मी, इंदिरा गांधी, फिरोज गांधी, संजय गांधी, राजीव गांधी, मेनका गांधी, राहुल गांधी, वरुण गांधी के बाद गांधी-नेहरू परिवार से प्रियंका की राजनीति में यह 12वीं एंट्री है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सोनिया ने काफी समय पहले स्वास्थ्य संबंधी वजहों से चुनाव नहीं लड़ने की बात कही थी। रायबरेली और अमेठी पूर्वी यूपी में हैं। ऐसे में प्रियंका को रायबरेली से उतारकर कांग्रेस पूरे यूपी में असर पैदा करना चाहती है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, राहुल मोदी और योगी को उनके घर में ही घेरना चाहते हैं। उन्होंने पिछले दो चुनाव के आंकड़ों का विश्लेषण कर ऐसी 26 सीटों पर फोकस किया है, जहां पार्टी टक्कर देने की स्थिति में है। कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश सिंह ने कहा कि 1989 के बाद प्रदेश की सत्ता से बाहर होने के बावजूद पार्टी को न्यूनतम 8.5 प्रतिशत और अधिकतम 14 प्रतिशत वोट मिलते रहे हैं। ऐसे में प्रियंका के नेतृत्व में कांग्रेस को यूपी से बड़ी उम्मीद है। यूपी की 80 सीटों में से 33 प्रियंका देखेंगी। मोदी की सीट वाराणसी, योगी का गढ़ गोरखपुर, मुलायम की सीट आजमगढ़, ये सब प्रियंका के कार्यक्षेत्र में आएंगी। मोदी-योगी को यहां घेरने से देशभर में असर दिख सकता है। कांग्रेस की 2009 में 21 सीटें थीं। 15 पूर्वी यूपी में थीं। वोटशेयर 19 प्रतिशत था, जो 2014 में 9 प्रतिशत बच गया और सीटें सिर्फ दो। इसलिए प्रियंका वहां काम करेंगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया पश्चिमी यूपी की कमान संभालेंगे। मायावती और अखिलेश कांग्रेस के बिना गठबंधन कर चुके हैं, लेकिन कांग्रेस उनके साथ जाने को तैयार है। वहीं राहुल ने बुधवार को कहा- “मैं मायावती जी और अखिलेश का आदर करता हूं। हम साथ लड़ सकते हैं।“ प्रियंका को ऐसे समय में पार्टी में लाया गया, जब कांग्रेस की सिर्फ 45 सीटें हैं। कांग्रेस यूपी में प्रियंका के जरिए इंदिरा गांधी के प्रशंसकों को पार्टी के साथ जोड़ना चाहती है। इसलिए नेहरू भवन के उसी कमरे को प्रियंका का ऑफिस बनाने का काम बुधवार शाम से ही शुरू कर दिया गया, जहां इंदिरा गांधी बैठा करती थीं।



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