दो आरोग्य मित्रों ने मिलकर 16 हजार पात्रों के बनाए गोल्डन कार्ड, 245 मरीजों का कराया 11 लाख का उपचार





गोरखपुर। पात्र लोगों का आयुष्मान कार्ड बनवाने और उनको योजना से लाभान्वित करने में आरोग्य मित्र की अहम भूमिका होती है। कई कार्डधारक तो इन आरोग्य मित्रों के व्यवहार से इतना प्रभावित हैं कि उनकी राय पर ही इलाज करवा रहे हैं। ऐसे ही दो आरोग्य मित्र हैं विनय कुमार सिंह और साधना। दोनों के प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्रों में भी आयुष्मान की रोशनी पहुंच रही है। सहजनवां सीएचसी पर तैनात विनय कुमार सिंह ने नवंबर 2018 में बतौर आरोग्य मित्र अपना कार्य शुरू किया। विनय अब तक 11 हजार आयुष्मान कार्ड खुद जेनेरेट कर चुके हैं। साथ ही 131 लाभार्थियों को सीएचसी से सेवा दिलवाई है। इस तरह करीब साढ़े छह लाख रुपये से अधिक का केस कराया है। इसका पैसा सीएचसी सहजनवां को मिला और बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने की दिशा में अस्पताल आर्थिक तौर पर मजबूत हुआ। वह बताते हैं कि उनके यहां सी सेक्शन डिलीवरी, उच्च जोखिम प्रसव और मेडिसिन से संबंधित मरीज आयुष्मान का लाभ पा रहे हैं। वह हर दिन वार्ड में घूम कर भी भर्ती मरीजों से बात करते हैं और पता करते हैं कि आयुष्मान का लाभार्थी कौन है। भर्ती पात्र मरीज का कार्ड स्वतः जेनेरेट कर योजना का लाभ दिलवा देते हैं। इसी तरह पिपराईच सीएचसी पर तैनात आरोग्य् मित्र साधना ने अक्टूबर 2018 से कार्य शुरू किया था। साधना ने करीब साढ़े चार लाख रुपये से अधिक पैकेज के 114 केस करवाए हैं। उन्होंने अपने स्तर से 5 हजार आयुष्मान कार्ड जेनेरेट किये हैं। मरीज भी साधना के सहयोगात्मक रवैये के कायल हैं। उनके माध्यम से सेवा का लाभ ले चुके 60 वर्षीय रामहरख बताते हैं कि उन्हें हार्निया की समस्या थी। उनके पास आयुष्मान का कार्ड पहले से बना हुआ था लेकिन यह पता नहीं था कि सीएचसी पिपराईच पर ही सर्जरी हो जाएगी। उन्हें साधना ने सर्जरी के बारे में बताया। चार महीने पहले उनकी सर्जरी हुई और एक भी पैसे नहीं लगे। वह व्यवस्था से पूरी तरह संतुष्ट हैं। साधना बताती हैं कि सीएचसी पिपराईच पर योजना के तहत नार्मल और सीजेरियन प्रसव, हार्निया, हाइड्रोसील और मेडिसिन से जुड़ी सेवाएं निःशुल्क दी जाती हैं। वह बताती हैं कि प्रतिदिन 25 से 30 लोग योजना के बारे में जानकारी लेने आते हैं। कई ऐसे लोग भी कार्ड बनवाने आ जाते हैं जो पात्र लाभार्थी नहीं होते। ऐसे लोगों को बताया जाता है कि योजना के तहत कार्ड उन्हीं लोगों का बनाया जाता है जो प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत या मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के पात्र लाभार्थी हैं। सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 की सूची के जरिये चयनित लाभार्थियों के साथ सभी अंत्योदय कार्ड धारक परिवार के सदस्य और श्रम विभाग की ओर से चयनित श्रम कार्ड वाले भवन निर्माण से जुड़े श्रमिक योजना के लाभार्थी हैं। योजना के नोडल अधिकारी डॉ अनिल कुमार सिंह का कहना है कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पिपराईच और सहजनवां सीएचसी के आरोग्य मित्र बेहतर कार्य कर रहे हैं। आरोग्य मित्रों की मदद से निःशुल्क आयुष्मान कार्ड बनवाए जा सकते हैं और उनकी मदद से संबद्ध अस्पताल की सेवा भी ली जा सकती है। आरोग्य मित्रों के सहयोग के लिए जिले जिला स्तर पर समन्वयक डॉ संचिता मल्ल, जिला शिकायत प्रबंधक विनय कुमार पांडेय और सूचना तंत्र प्रबंधक शशांक शेखर को दिशा-निर्देशित किया गया है। अगर किसी को आयुष्मान कार्ड बनवाने में दिक्कत आ रही है तो जिला स्तरीय टीम से भी रेडक्रॉस भवन में आयुष्मान भारत सेल में आकर संपर्क कर सकता है।



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