छात्रनेताओं ने बैठक कर जिला प्रशासन पर लगाया आरोप, कहा - सीएम से न मिलने देने के लिए बनाया गया था बंधक
गाजीपुर। नगर के रेलवे स्टेशन स्थित श्री शिव दुर्गा मंदिर में छात्रनेताओं की बैठक हुई। इस दौरान बीते दिनों पीजी कॉलेज में आये सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ को विश्वविद्यालय संबंधित पत्रक देने से रोकने के लिए छात्रनेताओं को कालेज प्रशासन के प्रभाव में जिला प्रशासन द्वारा रोकने व बंधक बनाने पर आक्रोश प्रकट किया गया। जिसके बाद छात्रनेताओं ने मुख्यमंत्री को डाक से इस बाबत पत्र भेजा। पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष दीपक उपाध्याय ने कहा कि गाजीपुर में एक राज्य वित्तपोषित विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ ही छात्रों को होने वाली समस्याओं का 18 सूत्रीय पत्रक मुख्यमंत्री को देना था। कहा कि कॉलेज प्रशासन को भय था कि हमारी मांग अगर मुख्यमंत्री तक पहुंच गई तो वो इसे विश्वविद्यालय न घोषित कर दें। जिसके बाद उनके प्रभाव में जिला प्रशासन ने हम सभी को कार्यक्रम वाले दिन बंधक बना लिया और मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया। कहा कि हमारी मांग है कि हमारी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए तत्काल व्यवस्था के तहत पीजी कॉलेज में जौनपुर विश्वविद्यालय का विस्तार पटल खोला जाए। निखिल सिंह ने कहा कि तत्कालीन जिलाधिकारी ने 1957 में 77 एकड़ सरकारी जमीन का पट्टा व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर लगे यूनिट टैक्स के धन से इस महाविद्यालय की स्थापना जनहित में कराई थी। आरोप लगाया कि 1982-83 में तत्कालीन डीएम राधेश्याम ने अपने स्वार्थ में कॉलेज के पदेन अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। जिसका परिणाम ये हुआ कि सारे अधिकारियों को प्रबंध समिति से बाहर कर दिया गया। ये बात सूबे के मुख्यमंत्री को पता न चले, इसीलिए छात्रों को पत्रक देंने से रोका गया। वहीं पूर्व महामंत्री हिमांशु यादव ने एक तरफ पूर्व में जिलाधिकारी रहे राजन शुक्ला लगातार छात्र हित में काम किया तो दूसरी तरफ वर्तमान जिलाधिकारी छात्रसंघ को सीएम से न मिलने देकर विश्वविद्यालय स्थापना में बाधा उत्पन्न किया और व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने का काम किया है। इसके पश्चात सभी ने सरकारी जमीन और सरकारी पैसे से खुले महाविद्यालय में हो रही समस्याओं को 18 सूत्रीय पत्रक के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा। इस मौके पर प्रवीण पाण्डेय, देव जोशी, प्रमोद राज, अमन यादव, आयान खान, आदित्य पाण्डेय, अरमान खान, राजेश यादव, रोहन यादव, निखिल जोशी, विकास राजभर आदि रहे।