वित्तीय अनियमितता की जांच करने पहुंची टीम को शौचालय निर्माण में मिली खामियां ही खामियां, कराई वीडियोग्राफी, नप सकते हैं प्रधान व सचिव





सेवराई। क्षेत्र के गोड़सरा गांव में वित्तीय अनियमितता व भ्रष्टाचार के मामले में जिलाधिकारी के. बालाजी के निर्देश पर शुक्रवार को जिला कार्यक्रम अधिकारी अरविंद कुमार व्यास के नेतृत्व में 4 सदस्यीय जांच टीम ब्लाक मुख्यालय पर पहुंची। वहां से टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थलीय जांच भी किया। गांव के शिकायतकर्ता राशिद खां द्वारा ग्राम प्रशासन द्वारा भारी वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया था। जिसके बाद शुक्रवार को जिला कार्यक्रम अधिकारी के साथ ही मुहम्मद आरिफ, सहायक अभियंता सूर्या प्रकाश, एडीओ पंचायत प्रभारी रमाकांत सिंह मौके पर पहुंचे। वहां पर टीम को कई स्थानों पर खामियां मिलीं। टीम ने शौचालय, नाली, खड़ंजा, मिट्टी कार्य, स्ट्रीट लाइट, हैडंपप आदि की मरम्मत कार्य का बारीकी से जांच किया। जांच के दौरान टीम ने ग्रामीणों का बयान दर्ज करने के साथ ही कई स्थानों की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी भी कराई। इस दौरान वहां मौजूद ग्रामीण सेराज खां, तबरेज खां, अली हद, इबरार, अजमल, आमिर, नौशाद, सऊद आदि ने कहा कि ग्राम प्रधान द्वारा कराए गए ज्यादातर विकास कार्य मानक के अनुरूप नहीं हैं। उन्होंने अधिकारियों से मिलीभगत करके सरकारी धन का बंदरबांट किया है। विकास कार्यों में पूरी अनियमितता बरती गई है। इस बाबत जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि मिट्टी, खड़ंजा, आरसीसी सड़क, स्ट्रीट लाइट, शौचालय, पक्की नाली मरम्मत, हैडंपंप मरम्मत आदि की जांच की गई है। जिसमें शौचालय निर्माण में काफी खामियां मिली हैं। प्रथम दृष्टया आरोप सही प्रतीत हो रहे हैं। मानक के अनुरूप कार्य नहीं हुआ है। लोगों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। स्थलीय निरीक्षण करके सत्यापन किया गया है। वहीं सड़क, नाली आदि की नापी भी कराई गई है जिनका वास्तविक अभिलेखों से मिलान किया जाएगा। डीपीओ ने बताया कि गोड़सरा गाँव के लिए 963 शौचालय स्वीकृत है जिसमें प्रत्येक शौचालय पर 12000 रूपये की दर से 573 शौचालयों के 68.80 लाख रूपये ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा ग्राम सभा के बैंक खाते से निकाले जा चुके हैं। इस लिहाज से मौके पर नवनिर्मित 573 शौचालय पूर्ण रूप से मानक के अनुसार होने चाहिए। लेकिन मौके का निरीक्षण करने पर स्थिति इससे इतर मिली। बताया कि इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए जाने वाले शौचालयों के लिए मिलने वाली अनुदान राशि को देने के लिए शासन ने दो किश्तों में क्रमशः 6000 व 6000 रूपयों को देने की व्यवस्था करने का आदेश दिया है। लेकिन गोड़सरा में इन नियमों को ताक पर रखते हुए ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम प्रधान द्वारा अपने नाम से रूपयों की निकासी कर ली गई है। अधिकारी ने कहा कि ये सरकारी धन के दुरूपयोग का गंभीर मामला है। जांच रिपोर्ट तैयार कर जिलाधिकारी को भेज दी जाएगी। दोषी पाए जाने पर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।



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