शोकसभा का हुआ आयोजन, शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती को दी गई श्रद्धांजलि, प्रतिमा स्थापना का प्रस्ताव
खानपुर। क्षेत्र के बिछुड़न नाथ धाम के पास स्थित फरिदहां के मुक्तिकुटी में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के अनुयायियों ने उनके निधन पर शोकसभा आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया। श्रद्धांजलि सभा में भक्तों ने नम आंखों से उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके निधन को सनातन जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया। डॉ बालकृष्ण पाठक ने कहा कि जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती सनातन संस्कृति के पुरोधा थे। ऐसे महापुरुषों का शिवतत्त्व में विलीन होना सनातन समाज को बेहद दुखी करने वाला है। अरुण प्रकाश सिंह ने कहा कि वो यहां संस्कृत शिक्षा ग्रहण करने आए तो जीवनभर यहीं के होकर रह गए। यहां प्रवास के दौरान उन्होंने आजादी के महायज्ञ में कई युवाओं को शामिल किया। स्वामी स्वरूपानंद का सरल जीवन और उत्तम चरित्र युवाओं और आध्यात्मिक लोगों के लिए प्रेरणा से परिपूर्ण है। शोकसभा में श्रद्धालुओं ने मुक्तिकुटी धाम में शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापना का प्रस्ताव रखा। इस मौके पर डॉ जय यादव, जोगेंद्र सिंह, अजीत पाठक, संजय सिंह, रामजीत यादव आदि रहे।