किसानों को हर साल धोखा देती है शारदा सहायक नहर, बीत रहा धान के नर्सरी डालने का समय, अब तक सूखा है रजवाहा
भीमापार। क्षेत्र स्थित शारदा सहायक नहर खंड- 23 के लालगंज रजवाहा में पानी न आने से क्षेत्र के किसानों में रोष व्याप्त है। क्षेत्र के दर्जनों गांव की सिंचाई की जिम्मेदार नहर में पानी का अभाव है। धान की नर्सरी के सीजन में रजवाहा में पानी न छोड़े जाने से किसान काफी परेशान हैं। किसानों को धान की नर्सरी डालने के लिए डीजल इंजन का सहारा लेना पड़ रहा है, जो काफी महंगा साबित हो रहा है। क्षेत्र के किसान राजीव सिंह ने बताया कि नहर में पानी न आने से इस समय धान की नर्सरी नहीं पड़ पा रही है। अगर समय से धान की नर्सरी नहीं पड़ी तो धान की पैदावार कम होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। बता दें कि इस नहर से क्षेत्र के दर्जनों गांव कुआँटी, कबूलहा, मंगारी, नाथूपुर, बरहपार भोजूराय, सेमरौल, दलीप राय पट्टी, अताउल्लाहपुर, महुरसा, बिजरवाँ, मखदुमपुर, जगदीशपुर, गौरा, कनेरी आदि गांवों में सिंचाई होती है और यही सिंचाई का मुख्य साधन है। ये नहर पिछले कई वर्षों से किसानों को धोखा देती आ रही है। जहां एक तरफ संपन्न किसान तो किसी तरह डीजल इंजन से किसी तरह अपने धान की नर्सरी डाल ले रहे हैं, वही गरीब किसान इस समय नहर में पानी के अभाव में धान की नर्सरी भी नहीं डाल पा रहे हैं। प्रगतिशील किसान अरविन्द सिंह ने बताया कि फोन एवं ईमेल द्वारा विभागीय अधिकारियों को कई बार सूचना दी गई इसके बाद भी आज तक नहर में पानी नहीं आया। कहा कि अगर शीघ्र नहर में पानी नहीं आया तो हम किसान आन्दोलन करने को विवश होंगे। इस बाबत शारदा सहायक नहर के अवर अभियंता संजय कुमार गुप्ता ने बताया कि नहर में पानी 15 जून के बाद ही आने की सम्भावना है, जिसे टेल तक पहुंचने में कम से कम एक सप्ताह का समय लग सकता है। बताया कि नहर में पानी आ जाने के बाद उसे टेल तक पहुंचाने का कार्य किया जायेगा।