शुरू हुआ एमडीए कार्यक्रम, आशा बहुओं ने घर-घर जाकर अपने सामने खिलाई दवाएं





खानपुर। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत लोगों को दवा पिलाई गई। पंद्रह दिनों तक चलने वाले इस उन्मूलन कार्यक्रम में एल्बेंडाजोल और डीआईसी की गोली खिलाई जा रही है। एमडीए कार्यक्रम के तहत दो तरह की दवा डीईसी और एल्बेंडाजोल खिलाया गया। दो वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को दवा खिलाया गया। दो वर्ष से नीचे के बच्चों और गर्भवती महिलाओं के साथ ही गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों को यह दवा नहीं खिलाई गई। गांवों में आशा बहुओं में दरवाजे-दरवाजे जाकर लोगों को गुहार लगाई और उन्हें खाना खाने के बाद ही दवा खिलाई। अनौनी के डॉ प्रकाश पांडेय ने बताया कि फाइलेरिया एक बार में शरीर पर असर नहीं दिखाता है। यह बीमारी धीर धीरे आपके पूरे शरीर पर असर करता है। शुरुआत में आपके शरीर के अंग जैसे पैर, स्तन, हाथ, मुंह सूजने लगते है। हाथी पांव या फील पांव में अक्सर हाथ या पैर बहुत ज्यादा सूज जाते हैं। इसके अलावा फाइलेरिया रोग से पीड़ित व्यक्ति के कभी हाथ, कभी अंडकोष, कभी स्तन आदि या कभी अन्य अंग भी सूज सकते हैं। आम बोलचाल की भाषा में हाथी पांव भी कहा जाता है। फाइलेरिया रोग एक कृमिवाली बीमारी है। इस रोग के होने से न केवल शारीरिक विकलांगता हो सकती है, बल्कि मरीजों की मानसिक और आर्थिक स्थिति भी बिगड़ सकती है।



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