लोकतंत्र सेनानियों ने अगर आवाज न उठाई होती तो आज इतिहास में दफन होकर रह गया होता भारतीय लोकतंत्र - भानुप्रताप सिंह
गाजीपुर। ‘आप सभी ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपने जीवन के बहुमूल्य 19 माह जेल की सलाखों में बिताए। बड़ी संख्या में लोकतंत्र सेनानियों ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार का दंश एवं प्रताड़ना सहकर लोकतंत्र को बचाने में अपना योगदान दिया। आपके संघर्षों और कष्टों को शब्दों में बयां नही किया जा सकता।’ उक्त बातें शुक्रवार को भाजपा के जिला कार्यालय पर जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह ने आपातकाल के 46 साल पूरे होने पर आयोजित लोकतंत्र सेनानी सम्मान समारोह में कहीं। कहा कि तानाशाही के विरोध में व लोकतंत्र की रक्षा के लिए तत्कालीन लोकतंत्र विरोधी सरकार के कुकृत्य स्वरूप जेलों में गए लाखों लोकतंत्र सेनानियों को याद कर हम लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प लें, यही संकल्प लोकतंत्र सेनानियों का सच्चा सम्मान है। कहा कि आपातकाल के विरुद्ध लोकतंत्र के रक्षकों ने अगर आवाज़ न उठाई होती तो आज भारतीय लोकतंत्र सिर्फ़ इतिहास में ही दफन होकर रह गया होता। प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कृष्णबिहारी राय ने कहा कि आपातकाल के दौरान जनता को जो पीड़ा व प्रहार झेलना पड़ा था, वह देश की राजनीतिक दिशा बदलने का कारण बना। सेनानियों की देशभक्ति भावना से हमें सीख लेनी चाहिए। उनके योगदान के कारण ही लोकतंत्र बचा हुआ है। वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व नपा अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस की दमनकारी नीति के विरुद्ध अपनी आवाज बुलन्द कर भारतीय लोकतंत्र की रक्षा करने का जो पुण्य कार्य हमारे सेनानियों ने किया है, वह अनुकरणीय है। आने वाली पीढ़ी को इससे प्रेरणा मिलेगी। इस अवसर पर आपातकाल के दौरान हुए घटनाक्रम को लोकतंत्र सेनानियों ने भी बयां किया। इस दौरान महमंत्री प्रवीण सिंह ने लोकतंत्र सेनानी राधाकृष्ण निषाद, दयाशंकर द्विवेदी, मुन्नी लाल पाल, पारसनाथ दुबे, रमाशंकर चौहान, उदयप्रताप सिंह, मोतीलाल तिवारी, जनार्दन सिंह, विजयशंकर चतुर्वेदी, राजकिशोर प्रसाद, विजय जायसवाल आदि को अंगवस्त्र देकर व माल्यर्पण कर उनका अभिनंदन किया। इस मौके पर दिलीप गुप्ता, कार्तिक गुप्ता, विनीत कुमार शर्मा, राजेश चौहान, शैलेन्द्र सिंह, संजय कटियार, शैलेश राम, प्रमोद राय, महफूज आलम, अशोक मौर्य, सुनील यादव, कुलदीप सिंह, राहुल कुमार आदि रहे। संचालन विपिन सिंह ने किया।