विश्व टीबी दिवस पर हुई गोष्ठी, टीबी मरीज को दी गई एक माह की दवा व धनराशि
गाजीपुर। विश्व टीबी दिवस पर जिला अस्पताल के सभागार में गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि सदर विधायक प्रतिनिधि रामेश्वर तिवारी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस दौरान सीएमओ ने संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत चिह्नित की गई एक टीबी मरीज अनुराधा को एक माह की निःशुल्क दवा और पोषण के लिए धनराशि दी गई। बताया कि इस दिवस की थीम ’द क्लॉक इज़ टिकिंग’ है, जिसका मतलब है कि दुनियाभर में टीबी जैसी घातक बीमारी को खत्म करने के लिए कोई बड़ा और जल्दी कदम उठाएं, क्योंकि हमारे पास समय की कमी है। यह बीमारी जितनी फैलेगी, लोगों की जान जाने का खतरा उतना ही ज्यादा है। टीबी की रोकथाम के लिए जल्दी और निर्णायक कदम उठाने की जरूरत है। सीएमओ ने कहा कि विश्व क्षय रोग दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य टीबी संक्रमण के बारे में सार्वजनिक जागरूकता फैलाना और इस वैश्विक महामारी को खत्म करने के प्रयासों को बढ़ावा देना है। सन् 1882 में डॉ. रॉबर्ट कोच ने टीबी के जीवाणु की खोज की थी। डॉ कोच की खोज ने इस बीमारी के इलाज की दिशा में नए रास्ते खोल दिए। विश्व टीबी दिवस दुनिया भर में टीबी के प्रभाव के बारे में जनता को शिक्षित करने का दिन है। आज दुनियाभर में कैम्प लगाकर टीबी से बचने के उपाय और लक्षण की जानकारी दी जाती है। टीबी का इलाज आज विश्व के लगभग हर देशों में है। लेकिन फिर भी उस संक्रामक बीमारी से हर साल विकासशील देशों में लगभग 1.5 मिलियन लोगों की मौत हो जाती है। एसीएमओ डॉ प्रगति कुमार ने बताया कि मरीज जिनमे टीबी के लक्षण है लेकिन लापरवाही के चलते वह अपना इलाज नही कराते हैं। ऐसे में सर्वे में पाए गए कुल मरीजों में 30 प्रतिशत मरीज एमडीआर के मरीज होते है। हमें मरीजो को खोजने और उनका इलाज कराने की जरूरत है। तभी हम वर्ष 2025 तक देश को क्षय मुक्त कर सकते है। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय मे क्षय रोग विभाग के सभी कर्मचारियों ने एक एक मरीज को गोद लिया है। इस मौके पर डीटीओ मनोज सिंह, सीएमएस डॉ निसार, डॉ मिथिलेश यादव आदि रहे।