योगी आदित्यनाथ आवास समेत 50 अतिसंवेदनशील स्थानों को बम से उड़ाने की धमकी, जानें किस सुरक्षा घेरे में रहते हैं सीएम, लगातार धमकियों के बाद अब बन रही नई ‘एसपीजी’
लखनऊ। एक तरफ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना के खिलाफ जंग में प्रदेश की अगुआई कर रहे हैं। दूसरी तरफ अराजक तत्व उनका सरकारी आवास उड़ाने की धमकी दे रहे हैं। यूपी के डायल-112 के वॉट्सऐप पर मैसेज करके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आवास समेत 50 जगहों पर बम विस्फोट की धमकी दी गई है। इस धमकी के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया है। लखनऊ के कालिदास मार्ग पर स्थित मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा बढ़ाने के साथ-साथ इलाके की छानबीन शुरू कर दी गई है। मौके पर बम स्क्वॉड और डॉग स्क्वॉड के साथ-साथ भारी मात्रा में पुलिस तैनात कर दी गई है। मैसेज में लिखा गया है, ’हम पूरे यूपी में धमाके करेंगे और सरकार देखती रह जाएगी।’ आपको बता दें कि पिछले महीने भी सीएम योगी को जान से मारने की धमकी देने वाले दो लोगों को महाराष्ट्र के गिरफ्तार किया गया था। जिसमें कामरान नाम के एक शख्स ने उत्तर प्रदेश पुलिस के सोशल मीडिया हेल्प डेस्क को फोन किया था और सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उड़ाने की धमकी दी थी। मामला अपराध का था तो मुंबई में रहने वाले इस शख्स को महाराष्ट्र एटीएस ने उठा लिया। 25 वर्षीय आरोपी कामरान अब उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ के कब्जे में है। पूछताछ में कामरान ने बताया कि उसे योगी आदित्यनाथ को धमकी देने के बदले एक करोड़ रुपये देने का वादा किया गया था। हालांकि, कामरान ने यह नहीं बताया है कि उसे पैसों का ऑफर देने वाला शख्स कौन है। बताते चलें कि कालिदास मार्ग पर सीएम योगी आदित्यनाथ और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के अलावा कई और मंत्रियों का सरकारी आवास है। पास में ही कई आईएएस अधिकारियों और विधायकों के भी सरकारी बंगले मौजूद हैं। ऐसे में धमकी मिलने के बाद पूरा पुलिस महकमा अलर्ट हो गया है। इस मामले पर उच्च अधिकारियों की बैठक चल रही है। साथ ही यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि धमकी देने वाला कौन है और उसकी मंशा क्या है। इधर लगातार धमकियों के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा को अब और अभेद्य बनाने की कवायद की जा रही है। जानकारों की मानें तो अब केंद्र सरकार की एसपीजी यानी की तर्ज पर एसएसजी यानी स्पेशल सिक्योरिटी गु्रप का गठन किया जाएगा। माना जा रहा है कि प्रदेश स्तर पर तैयार हो रहे इस सुरक्षा दस्ते में पीएसी और एटीएस के कमांडो शामिल होंगे। इसके लिए अपर पुलिस महानिदेशक सुरक्षा की तरफ से एसएसजी के गठन का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। यही नहीं, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी भी इस प्रस्ताव पर काफी समय से काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस तरह से अचानक दौरे पर पहुंचते हैं, ऐसे में उनकी सिक्यॉरिटी का जिम्मा एसपीजी के साथ-साथ स्थानीय पुलिस के पास रहता है। एसएसजी के गठन के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था और दुरुस्त हो जाएगी। इससे यूपी पुलिस की चुनौतियां भी कम हो सकती हैं। यूपी पुलिस सेवा से जुड़े एक सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिए एक स्क्रीनिंग कमिटी होती है। यह कमिटी सिक्यॉरिटी में तैनात लोगों का विभिन्न मापदंडों के आधार पर चयन करती है। वर्ष 2017 की एक ख़बर के मुताबिक मुख्यमंत्री के साथ जेड प्लस के साथ एनएसजी का सुरक्षा घेरा रहता है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सुरक्षा में एनएसजी के 24 कमांडो के अलावा करीब 359 पुलिस कर्मियों का घेरा रहता था। सुरक्षा का यह घेरा 8-8 घंटे की ड्यूटी पर बदलता था। यानी, एक समय में अखिलेश यादव की सुरक्षा में 8 एनएसजी कमांडो व 120 पुलिस कर्मियों के साथ पीएसी की गारद तैनात रहती थी।