सिधौना : मुकुट पूजन के साथ शुरू हुई 11 दिवसीय बाल रामलीला





सिधौना। पोखरीपुर गांव में बाल रामलीला का मुकुट पूजन के साथ शुभारंभ किया गया। नए मंच का उद्घाटन काशी रंगमंच कला परिषद के अध्यक्ष कृष्णानंद सिंह ने नारियल फोड़कर किया। अपने दिव्य झांकी और मनोरम दृश्यांकन के लिए प्रसिद्ध पोखरीपुर की 11 दिवसीय रामलीला का मंचन शुरू किया गया। विश्वमोहिनी को देखकर देवर्षि नारद को विवाह की इच्छा बलवती हुई। जिस मोह को भंग करने श्रीहरि विष्णु ने नारद को बंदर का स्वरूप देकर स्वयं विश्वमोहिनी का वरण कर लिया। क्रोधित नारद ने श्रीहरि विष्णु को पत्नी वियोग और बंदर की मदद का श्राप दे दिया। मुख्य अतिथि ने कहा कि रामलीला का मंचन सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं होता है। रामलीला मानव मूल्यों की अभिव्यक्ति के साथ संयुक्त परिवार के कर्तव्यों का पालन करना सिखाता है। भातृ प्रेम संग माता-पिता का आज्ञाकारी होना दिखाया जाता है। श्रीरामचन्द्र जी अपने नर लीला में मानव जीवन के सारे उत्तम आदर्श स्थापित किये। सच्ची मित्रता, सामाजिक समरसता, पशुपक्षियों से प्रेम, पर्यावरण संरक्षण संग संत सम्मान की सीख मिलती है। श्रीराम ने बताया कि जीवन में चाहे कितनी विपत्ति आये पर धर्म और सत्य का मार्ग नहीं छोड़ना चाहिए। इस मौके पर अनिल सिंह, करुणाशंकर मिश्रा, सुभाष पांडेय, सौरभ प्रजापति, अरविंद गुप्ता, प्रदीप सिंह आदि रहे।



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