अच्छी खबर! अब 8 संचारी और 3 गैरसंचारी बीमारियों के मरीजों का ढूंढ कर किया जाएगा इलाज, घर-घर जा रही टीम
गोरखपुर। जिले में 11 अक्टूबर से शुरू हुए दस्तक अभियान के दौरान आठ संचारी और तीन गैर संचारी बीमारियों के मरीजों को खोजने के लिए आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की टीम घर-घर जा रही हैं। वह लोगों से बीमारी के लक्षणों के बारे में जब भी चर्चा करें, उनसे खुल कर अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में बताएं। उनकी मदद से इन मरीजों की शीघ्र पहचान कर इलाज करने पर जोर है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने दी। उन्होंने बताया कि शासन के दिशा निर्देशों के अनुसार मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जापानीज इंसेफेलाइटिस (जेई), क्षय रोग (टीबी) लिम्फेटिक फाइलेरिया (एलएफ), कुष्ठ और कालाजार जैसे संचारी रोगों के साथ साथ शुगर, बीपी, ओरल कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के मरीजों को ढूंढा जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जिले में करीब चार हजार आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की टीम को घर-घर जाने का निर्देश और प्रशिक्षण दिया गया है। वह लोगों से इन बीमारियों के लक्षणों के बारे में चर्चा करेंगी और अगर किसी के भीतर लक्षण मौजूद है, तो उसे शीघ्र इलाज के लिए अस्पताल जाने के संबंध में प्रेरित करेंगी। जिन घरों में 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चे हैं, वहां जनजागरूकता संबंधी स्टीकर भी लगाए जाएंगे। डॉ दूबे ने बताया कि तीस वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों की शुगर, बीपी और कैंसर के संबंध में स्क्रीनिंग की जा रही है और इसके आधार पर आशा कार्यकर्ता को सी-बैक फार्म भरना है। प्रत्येक आशा को प्रतिदिन पांच सी-बैक फार्म भरना है। अपने क्षेत्र के सभी लाभार्थियों को उन्हें ई कवच पोर्टल पर अपडेट भी करना है। मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीना के स्तर से इस कार्यक्रम की नियमित समीक्षा की जाएगी। जो लोग इन गैर संचारी रोगों से पीड़ित पाए जाएंगे उनके इलाज के साथ साथ उनका फॉलो अप भी किया जाएगा। साथ में प्रचार प्रसार की गतिविधियों पर भी विशेष जोर रहेगा। शहरी बाल विकास परियोजना में मुख्य सेविका मोहित सक्सेना का कहना है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अभिनव कुमार मिश्र के दिशा निर्देशों के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने दस्तक अभियान का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। वह आशा कार्यकर्ता के साथ हर घर का भ्रमण कर रही हैं। साथ ही अभियान के दौरान वह अति कुपोषित बच्चों को भी ढूंढ रही हैं और उन्हें सेवाएं दे रही हैं। सीएमओ ने बताया कि गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता को परिवार के प्रत्येक सदस्य की आभा आईडी भी बनानी है। इसके लिए लाभार्थी को अपना आधार नंबर बता कर सहयोग करना होगा।