सैदपुर : रेलवे की जमीन पर हुए अतिक्रमण पर चला बुलडोजर, पक्षपात देख दुकानदार व सपा नेता हुए आक्रोशित तो बैकफुट पर आया प्रशासन





औड़िहार। स्थानीय बाजार में रेलवे ने अतिक्रमणकारी दुकानदारों के खिलाफ जबरदस्त अभियान चलाते हुए जबरदस्त गहमा गहमी के बीच एलॉटमेंट के बावजूद कब्जा किये हुए कुल 13 अतिक्रमण को ध्वस्त करा दिया। साथ ही कई ऐसे अतिक्रमण भी हटवाए, जो बिना एलॉटमेंट के ही कब्जे में थीं। औड़िहार बाजार में रेलवे की जमीन पर दुकानदारों ने ज़बरदस्ती कब्जा किया हुआ था। कुछ जगह पर रेलवे ने दुकानदारों के नाम से जमीन एलॉट की थी तो उससे भी ज्यादा जगह घेरकर अवैध कब्जा किया गया था तो कुछ जगह बिना इजाजत के ही घर के बाहर लोगों ने रेलवे की जमीन पर कब्जा कर लिया था। सभी अतिक्रमण को खाली करने के लिए रेलवे ने कुछ दिन पूर्व ही सभी सम्बन्धित को खुद ही अतिक्रमण हटाने का निर्देश देते हुए बाजार में नोटिस भी चिपकाया था। कहा था कि अगर खुद से अतिक्रमण नहीं हटवाया तो बुलडोजर लगवाकर उन्हें ध्वस्त करा दिया जाएगा। इसके बावजूद किसी ने कब्जा नहीं हटाया तो रेलवे के आईओडब्ल्यू कमलेश कुमार जेसीबी के साथ पहुंचे। इस दौरान रेलवे सुरक्षा बल के प्रभारी निरीक्षक राकेश सिंह के साथ ही जीआरपी, आरपीएसएफ और सैदपुर कोतवाली से भी पुलिस फोर्स मौजूद थी। किसी भी अराजक स्थिति पैदा होने पर निबटने के लिए फोर्स ने सुरक्षा गार्ड व हेलमेट भी पहना था। इसके बाद जेसीबी से अवैध कच्चे व निर्माण, टीनशेड आदि सभी तरह के अवैध कब्जे को ढहाना शुरू किया गया। यहां तक कि जिसने रेलवे की जमीन पर बिना एलॉट कराए चबूतरा या पक्का रास्ता भी बना दिया था, उसे भी तोड़वा दिया गया। इसके बाद तिराहे पर मौजूद मिठाई की दुकान के अतिरिक्त हिस्से को ढहाने पहुंचे। जिस पर दुकानदार ने बताया कि हमेशा भेदभाव करते हुए उसकी ही दुकान को निशाना बनाया जाता है। लेकिन बगल में मौजूद जाम लगने के मुख्य कारण बनने वाले मिठाई के दुकान को छुआ तक नहीं जाता। इसके बावजूद उसकी दुकान को तो तोड़ दिया गया लेकिन बगल में मौजूद ठीक उसके जैसी ही दुकान को नहीं छुआ गया। इस पर पहले दुकानदार सहित बाजार के हर व्यक्ति ने प्रशासन के पक्षपाती रवैये पर उंगली उठाई। फिर भी अधिकारी सुनने को तैयार नहीं थे। लोगों का विरोध देखकर एक बार आईओडब्ल्यू व जीआरपी के विश्वदीपक ने तोड़ने को कहा लेकिन शुरू से ही उक्त दुकान के बचाव वाले मोड में खड़े व्यक्ति ने जेसीबी से सिर्फ एक सीढ़ी तोड़ने के बाद वहां से हटवा दिया। इसके बाद बाजार के व्यापारी आरपीएफ निरीक्षक व आईओडब्ल्यू सहित प्रशासन के खिलाफ धरना करने का विचार बनाने लगे। इस बीच सपा के युवा नेता नितेश सिंह भोनू वहां पहुंचे और स्थिति देख आक्रोशित हो गए। आईओडब्ल्यू से वार्ता कर कहा कि जब एक ही जैसा दो लोगों ने अगल बगल ही अतिक्रमण किया है तो ये पक्षपात क्यों किया जा रहा है। एक व्यक्ति की दुकान तोड़ दी गयी और दूसरे को रेलवे ही शह दे रहा है। इस पर आईओडब्ल्यू ने कहा कि कागज में अगर गलत निकलकर आया गया तो उसे भी तोड़ा जाएगा। कहा कि उक्त दुकानदार का दावा है कि उसकी दुकान कुल 440 स्क्वायर फुट में है और आईओडब्ल्यू भी जो सरकारी कागज लेकर आये थे, उसमे उसकी दुकान 420 स्क्वायर फीट और बगल की दुकान सिर्फ 150 स्क्वायर फीट दिखाई जा रही थी। जिस पर पीड़ित दुकानदार बैजू ने कहा कि 1976 में रेलवे ने दोनों को 150-150 स्क्वायर फुट जमीन एलॉट किया। बताया कि 40 साल से अधिक समय से रेलवे में नई जमीन का आवंटन बन्द है। तो आखिर बगल वाले दुकानदार को किसने और जब अतिरिक्त जमीन एलॉट की। इस बात पर दुकानदारों और आईओडब्ल्यू में जमकर गहमा गहमी हुई। आईओडब्ल्यू का कहना था कि मैं नया आया हूँ, मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है। इस पर दुकानदारों ने भी पूर्व के आईओडब्ल्यू पर रुपये लेकर जमीन को बढ़वाने का आरोप लगाया। इसके बाद सपा नेता नितेश सिंह भोनू ने आरटीआई व डीआरएम कार्यालय का कागज दिखाया, जिस पर स्पष्ट लिखा गया था कि बैजू और योगेश दोनों की दुकानें अब भी 150 फुट ही हैं। इसके बाद सपा नेता व दुकानदारों द्वारा सख्ती बरते जाने के बाद आईओडब्ल्यू दूसरी दुकान को भी ध्वस्त कराने को तैयार हुए तो उक्त दुकानदार ने पूर्व में यहां व वर्तमान में बलिया में तैनात आईओडब्ल्यू से बात कराई। जिस पर पूर्व आईओडब्ल्यू ने कहा कि जमीन एलॉट है। जिस पर वर्तमान आईओडब्ल्यू कमलेश कुमार ने कहा कि जब आरटीआई से सूचना मांगी गई तो उसमें आपके द्वारा ही 150 स्क्वायर फुट लिखा गया है। इसके बाद उस विवादित पक्के निर्माण के अंदर मौजूद काउंटर आदि को हटाकर उस पर भी बुलडोजर चलवाया गया। कहा कि अगर दिक्कत होगी तो भविष्य में दोनों दुकानों को अन्यत्र जमीन देकर वहां स्थानांतरित कराया जाएगा। इधर वहां मौजूद एक अधिकारी यही कोशिश करते रहे कि उस दुकान का पिलर व दीवार न टूटे, सिर्फ जमीन तोड़कर छोड़ दिया जाए। लेकिन सपा नेता नितेश व दुकानदार इस बात पर अड़ गए थे कि जब अतिक्रमण हुई सभी दुकानें तोड़ी गयी तो इसे भी तोड़ा जाए। इसके बाद सब तोड़ा गया। इसके बावजूद उस दुकान के पश्चिमी छोर पर मौजूद करीब 2 फुट के अतिक्रमण को छोड़ ही दिया गया। जबकि उसके ठीक बगल में मौजूद गुमटी को तत्काल बिना सामान निकालने का समय दिए गिरा दिया गया था। दुकानदारों में इस बात की चर्चा रही कि किसी को भी सामान निकालने का समय नहीं दिया गया, जबकि दूसरे दुकानदार को हर चीज में विशेष रियायत दी गयी। इसी बात को लेकर उनमें नाराजगी रही। हालांकि बाद में समान रूप से जब अतिक्रमण हटाया गया, तो सभी ने एक सुर में सराहना भी की। कहा कि बाजार में अब अतिक्रमण हट जाने से औड़िहार बाजार में जाम की समस्या खत्म हो जाएगी। बताया कि अब तक बाजार में कई बार लंबा जाम लग जाता था।



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