डीएम हुजूर! आंगनबाड़ी के मासूम बच्चों का भी पुष्टाहार निगल जा रहे जिम्मेदार, अधिकारियों से भी लगा चुके हैं गुहार
सादात। स्थानीय बाल विकास परियोजना कार्यालय से संबद्ध क्षेत्र के 306 आंगनबाड़ी केंद्रों से पुष्टाहार वितरण में घपलेबाजी की तमाम शिकायतों के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी आंख व कान पूरी तरह से बंद किए बैठे हैं। जिसका नतीजा ये है कि अधिकांश केन्द्र संचालक लाभार्थियों को दिए जाने वाला पुष्टाहार को बाजार में दुकानदारों को बेचकर अपनी जेब गर्म कर रहे हैं। सबसे ज्यादा शिकायत तो नगरीय इलाके के 15 केन्द्रों की है, जहां कई महीनों का ही पुष्टाहार डकार लिया जाता है। नगर के वार्ड तीन निवासी इरफान, घुटरु, गोलू विश्वकर्मा, विनोद, आनंद आदि ने विभागीय अधिकारियों से लेकर पोर्टल पर शिकायत किया कि लाभार्थियों को पुष्टाहार वितरित नहीं किया जा रहा है। बताया कि पिछली बार सितंबर माह में दाल, दलिया, तेल, चावल नहीं मिला। हालांकि इस्लामिया स्कूल पर आंगनबाड़ी सुपरवाइजर मंजू सिंह एवं पार्वती देवी ने वार्ड 8 और 10 के कुछ लाभार्थियों में पुष्टाहार वितरित कराया था। नगर पंचायत के शेष 13 केंद्रों पर भी कमोबेश यही हाल रहा, जहां इक्का दुक्का लोगों में पोषाहार वितरित कर फोटोग्राफी कराकर कोरम पूरा कर लिया गया। इस बार सभी केंद्रों पर अक्तूबर माह में वितरण के लिए राशन प्राप्त तो हुआ है, लेकिन निर्धारित 13 से 15 दिसंबर की अवधि बीतने के बावजूद किसी केन्द्र से पुष्टाहार वितरित ही नहीं किया गया। नगर के वार्ड तीन की गायत्री, चार की गीता और आठ की अख्तरुन्निशां को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें आती हैं, जिसे विभागीय पोर्टल पर भी देखा जा सकता है। प्रायः देखा जाता है कि संबंधित वार्ड के सभासदों की मौजूदगी में चंद लोगों को पुष्टाहार वितरित कर शेष राशन खुद डकार लिया जाता है। इस बारे में पूछे जाने पर सीडीपीओ धनेश्वर राम ने बताया कि पोर्टल पर नगर के कुछ केंद्रों के खिलाफ पुष्टाहार वितरण में धांधली की मिली है, इसकी जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जायेगी।