आमजन तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य और पोषण सेवाएं पहुंचाने की पहल, 146 अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण
गोरखपुर। जिले के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य और पोषण से संबंधित गुणवत्तापूर्ण सेवाएं पहुंचाने के लिए आशा और आंगनबाड़ी के कार्यक्षेत्र का नये सिरे से संरेखण (एकरूपता) किया जाएगा। इसके लिए सोशल मैपिंग की पहल की गयी है। संरेखण और मैपिंग के संबंध में 146 जिला स्तरीय अधिकारियों और ब्लॉक स्तरीय संबंधित अधिकारियों को विकास भवन सभागार में तीन दिनों का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रत्येक ब्लॉक में इस कार्य को सम्पन्न कराने के लिए जिला स्तर पर नोडल अधिकारी भी नियुक्त कर दिये गये हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे का कहना है कि जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश और मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीणा के दिशा निर्देशन में उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) की टीम की मदद से स्वास्थ्य, आईसीडीएस और पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण मिला है। प्रशिक्षण के जरिये हम सभी को बताया गया है कि राजस्व गांव को आधार मानते हुए आंगनबाड़ी के कार्यक्षेत्र के हिसाब से आशा कार्यकर्ता का कार्यक्षेत्र भी निर्धारित होगा। इससे कई प्रकार के फायदे होंगे। एक आशा के क्षेत्र में कई आंगनबाड़ी अथवा एक आंगनबाड़ी के क्षेत्र में कई आशा कार्यकर्ता न होने से कार्य में समन्वय आसान हो जाएगा। किसी भी अभियान के दौरान त्रुटिरहित ड्यू लिस्ट तैयार होगी और जन जन तक सुविधाएं पहुंच सकेंगी। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की समाज में स्वीकार्यता बढ़ेगी और कोई ऐसा क्षेत्र नहीं बचेगा जहां स्वास्थ्य और पोषण संबंधी सेवाओं को पहुंचाने के लिए यह अंग्रिम पंक्ति कार्यकर्ता मौजूद न हों। प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके उरूवा ब्लॉक के बाल विकास परियोजना अधिकारी सौरभ ने बताया कि जिला कार्यक्रम अधिकारी अभिनव कुमार मिश्र के निर्देश पर प्रतिभागिता की गयी। प्रशिक्षण में मिली जानकारी के अनुसार सबसे पहले ब्लॉक स्तर पर मुख्य सेविका को इस पहल के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही संबंधित ब्लॉक के चिकित्सा अधिकारी से सम्पर्क कर जमीनी स्तर के कार्य को पूरा करना है। संरेखण के कार्य से पोषण व स्वास्थ्य सेवा से असेवित क्षेत्र के छूटने की आशंका कम हो जाएगी। प्रभावी और संयुक्त कार्ययोजना बनाने में आसानी होगी और ब्लॉक से लेकर राज्य स्तर तक आंकड़ों का साझाकरण भी आसान होगा। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 1000 की आबादी पर सेवा देनी होती है। जिले में इस समय करीब 3739 आशा कार्यकर्ता और 3589 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गर्भवती, शून्य से छह वर्ष के बच्चों और किशोरियों को स्वास्थ्य व पोषण सेवाएं दिलवाती हैं। आशा कार्यकर्ता हर आयु वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य सेवा और मां व बच्चे को स्वास्थ्य के साथ साथ पोषण संबंधी सेवाओं को प्रदान करवा रही हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि दोनों अग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं के कई कार्य एक समान हैं। ऐसे में कार्यक्षेत्र में भी एकरूपता आने से समन्वय बना कर कार्य करने में आसानी होगी। इस संबंध में यूपीटीएसयू की राज्य टीम से अर्चना शुक्ला, मिथिलेश पाठक और श्वेता पांडेय ने प्रशिक्षण दिया और जिला प्रतिनिधि अरविंद ने सहयोग प्रदान किया है। जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश ने पत्र जारी कर संरेखण व सोशल मैपिंग के कार्य के लिए प्रत्येक ब्लॉक में नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। पत्र के अनुसार जिला विकास अधिकारी को सहजनवां, मुख्य चिकित्सा अधिकारी को शहरी क्षेत्र, परियोजना निदेशक को पिपरौली, जिला पूर्ति अधिकारी को खोराबार, जिला युवा कल्याण अधिकारी को उरूवा, जिला विद्यालय निरीक्षण को गोला, जिला भूमि संरक्षण अधिकारी को कौड़ीराम, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को पिपराईच, परियोना अधिकारी नेडा को जंगल कौड़िया, जिला कृषि अधिकारी को बड़हलगंज, जिला प्रोबेशन अधिकारी को खजनी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को सरदारनगर, जिला पंचायत राज अधिकारी को चरगांवा, दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी को बांसगांव, जिला मलेरिया अधिकारी को कैम्पियरगंज, जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) को गगहा, जिला कृषि रक्षा अधिकारी को बेलघाट, एआर कोआपरेटिव अधिकारी को ब्रह्मपुर, जिला समाज कल्याण अधिकारी को भटहट और जिला बचत अधिकारी को पाली ब्लॉक का नोडल बनाया गया है।