सैनिक सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हुए जवान राजेंद्र, शवयात्रा में लगते रहे गगनभेदी नारे





सादात। जम्मू कश्मीर के लाला द बाग में तैनात सादात क्षेत्र के इकरा निवासी हवलदार राजेन्द्र यादव का पार्थिव शरीर सेना की गाड़ी के बजाय एंबुलेंस से लाने पर वीर जवान का अपमान बताते हुए हजारों ग्रामीणों ने रविवार की सुबह राजवारी (खरौना) स्थित गोमती नदी पुल पर चक्काजाम कर दिया। करीब तीन घंटे तक चले जाम से दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। काफी प्रयास के बाद जाम खत्म हुआ और फूल माला से सजे पिकअप वाहन से शव को पैतृक आवास लाया गया। पैतृक आवास पर थोड़े देर तक अंतिम दर्शन के लिए रखने के बाद शव को सैदपुर के जौहरगंज श्मशान घाट पर ले जाकर अपराह्न बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया। सेना के जवानों ने अंतिम सलामी दी। गौरतलब है कि इकरा निवासी रामसकल यादव के तीन पुत्रों में से मंझले बेटे राजेंद्र यादव का शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में ड्यूटी के दौरान हृदयगति रुकने से निधन हो गया था। हवाई जहाज से उनका शव शनिवार की रात बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचने के बाद रविवार की सुबह सेना के जवानों द्वारा एंबुलेंस से शव को पैतृक आवास पर लाया जा रहा था। इसकी जानकारी होने पर वाराणसी पहुंचे परिजनों और ग्रामीणों ने पहले तो वाराणसी में ही सेना के वाहन से शव ले जाने की बात कहते हुए शव को वहीं रोक दिया। मान मनौव्वल के बाद किसी तरह एंबुलेंस आगे बढ़ी तो बनारस और गाजीपुर जनपद की सीमा पर रजवाड़ी पुल के पास शव लेकर आ रहे एंबुलेंस को रोक दिया गया। यहां एकत्रित हजारों की संख्या में युवाओं ने नारेबाजी करते हुए सड़क पर चक्का जाम कर दिया। मौके पर पहुंचे सैदपुर एसडीएम पुष्पेंद्र पटेल, सीओ विजय आनंद शाही तथा तहसील स्तरीय अधिकारियों और कई थाने की फोर्स के समझाने बुझाने पर भी प्रदर्शनकारी मानने को तैयार नहीं हुए। प्रशासनिक अधिकारियों ने सैन्य अधिकारियों वार्ता कर सेना का वाहन बुलाने की कोशिश किया, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। अंत में फूल माला से सजाकर पिकअप लाया गया, तब जाकर करीब तीन घंटे चला जाम खत्म हुआ। यहां से आगे बढ़ने के बाद जैसे ही जवान का शव घर पहुंचा तो परिजन दहाड़े मारकर रोने लगे। पत्नी रीता देवी, बेटा अंश और आयुष सहित भाई, माता-पिता सभी रोने बिलखने लगे। आवास से लेकर घाट तक हजारों लोग उमड़ पड़े। तेज धूप और गर्मी के बीच भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिसकर्मी पसीना से तर बतर दिखे। मुखाग्नि पिता रामसकल यादव ने दी। इस दौरान दलीय सीमा टूटती नजर आई और सपा, बसपा, भाजपा सभी दल के लोगों सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि आदि मौजूद रहे।



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