सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबन के लिए समर्पित है मिशन शक्ति अभियान - उपनिदेशक
गोरखपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक दिलीप कुमार ने कहा है कि मिशन शक्ति अभियान महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबन के लिए समर्पित है। इसके तहत महिलाओं एवं बच्चों को विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है। इस अभियान को सफल बनाने में मीडिया की अहम भूमिका है। यह बातें उन्होंने सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से महिला कल्याण विभाग गोरखपुर मंडल द्वारा आयोजित जागरूक मीडिया कार्यशाला में अध्यक्षीय संबोधन के दौरान कहीं। कार्यशाला का आयोजन गुरूवार को शहर के एक निजी होटल में किया गया जिसमें यूनिसेफ संस्था ने भी अहम योगदान दिया। उपनिदेशक ने बताया कि अक्टूबर 2020 से दिसम्बर 2021 तक अभियान के तीन चरण चलाए जा चुके हैं, जिनमे थीम ‘वार कैंपेन’ को संचालित किया गया। महिलाओं एवं बच्चों के मुद्दों को सीधे प्रशासन के समक्ष रखने के लिए मेगा इवेंट्स के माध्यम से इंटरफेस कार्यक्रम संचालित किये गये। अभियान का उद्देश्य महिलाओं एवं बच्चों के प्रति बढ़ते अपराधों में कमी लाना, अपराध होने पर सूचित करना, गंभीरता एवं समयबद्ध ढंग से कार्यवाही की जवाबदेही तय करना, लिंगानुपात दर में सुधार लाना, बाल विवाह के प्रकरणों में सूचना एवं कमी और विद्यालयों में बालिकाओं के प्रवेश में वृद्धि लाना है। अभियान के तीन चरणों में गोरखपुर मंडल में कुल 19.25 लाख लोगों को जागरूक किया गया है। बताया कि स्वावलंबन कैंप के माध्यम से मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के 25000, पति की मृत्यु के बाद निराश्रित महिला पेंशन योजना के 900, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के 550 और मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य के 75 आवेदन स्वीकृत करवाये गये। मंडल में 200 से अधिक नवजात बालिकाओं का जन्मोत्सव मनाया गया। 600 से अधिक मेधावी छात्राओं को उनका मनोबल बढ़ाने के लिए जनपद स्तर पर सम्मानित किया गया। कानूनी जागरूकता शिविरों में 4000 से अधिक लोगों को जागरूक किया गया। ‘हक की बात जिलाधिकारी के साथ’ कार्यक्रम में 150 से ज्यादा महिलाओं ने सीधे प्रशासन के सामने अपनी बात रखी। 50 गांवों में विभाग द्वारा एनालॉग गुड्डा गुड्डी बोर्ड की स्थापना की गयी है। राज्य सलाहकार बाल संरक्षण निदेशालय महिला कल्याण प्रीतेश कुमार तिवारी ने मिशन शक्ति के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बच्चियों से संबंधित समस्या के मामले में टॉल फ्री नंबर 1090, महिलाओं से संबंधित उत्पीड़न के मामलों में 181 और बच्चों से संबंधित मामलों में 1098 नंबर डॉयल करना है। मीडिया के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जिन थानों पर 181 नंबर के बारे में सूचना नहीं दी गयी है वहां इस सूचना की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज व कुशीनगर के जिला प्रोबेशन अधिकारी क्रमशः सर्वजीत सिंह, अनिल सोनकर, ध्रुवचंद त्रिपाठी व विनय कुमार ने सवालों के जवाब दिए। इस मौके पर डीपीएम हेमंत कुमार सिंह, सीडीपीओ प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, जिला समाज कल्याण अधिकारी बीएन सिंह, विधि एवं परिवीक्षा अधिकारी मनोज श्रीवास्तव, सीफार के क्षेत्रीय संयोजक वेदप्रकाश पाठक, जिला समन्वयक राजनारायण शर्मा, नीरज ओझा, सज्जाद रिजवी, सुजीत अग्रहरि आदि मौजूद रहे।