ग्राम प्रधान का पद मिलते ही अपनी जिम्मेदारी भूले जनप्रतिनिधि, चंदा जुटाकर गांव में विकास कार्य कर रहे ग्रामीण





सैदपुर। क्षेत्र के गोपालपुर गांव में ग्राम प्रधान पद मिलने के बाद जैसे ग्राम प्रधान अपनी जिम्मेदारी भूल गए हैं, जिसके चलते ग्रामीणों को ग्राम प्रधान की जिम्मेदारी निभाते हुए निजी खर्च पर काम करने पड़ रहे हैं। वहीं गांव की अन्य समस्याओं पर भी ग्राम प्रधान का ध्यान नहीं है। गोपालपुर गांव में अबकी बार हरिदास यादव ग्राम प्रधान चुने गए हैं। लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधान चुने जाने के बाद उनका पता ही नहीं है। गांव की समस्याओं को लेकर ग्रामीण जब कुछ कहते हैं तो वो आजकल का बहाना बनाते हैं। वाराणसी फोरलेन से गांव के अंदर जाने के लिए बने रास्ते का आलम ये है कि बाइक सवार तो दूर, उस पर पैदल भी चलने से कतराएं। पूरा रास्ता कीचड़ व लोगों के घरों से निकले गंदे पानी से भरा है। वहीं गांव के अंदर जाने पर लोगों के घरों का गंदा पानी एक अन्य व्यक्ति के खेत में जाता है। जबकि उसके लिए ग्राम सभा की पोखरी की जमीन है। रास्तों के जर्जर होने व उस पर कीचड़ होने के चलते बीडीसी चुनी गईं पुष्पा यादव के पुत्र अरूण यादव ने अपने खर्च पर राबिश गिरवाकर रास्ते की मरम्मत कराई। ग्रामीणों का आरोप है कि अन्य काम भी हम चंदा जुटाकर की करते हैं और ग्राम प्रधान कोई सहयोग नहीं कर रहे। उन्होंने ग्राम प्रधान से गांव के विकास की मांग की है। इस मौके पर रामाधार, छोटेलाल, रामजन्म, सुदामा, लव, रुद्रा, ओमकेश, विशाल, विक्की, उपेंद्र, गोलू, विजय बहादुर आदि रहे।



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