संस्कृति ही है हमारी व देश की पहचान, संस्कारविहीन हर जगह होता है तिरस्कृत - रविंद्र श्रीवास्तव





नन्दगंज। क्षेत्र के सौरी स्थित माँ चण्डिका देवी मन्दिर परिसर में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत गीता प्रवचन का समापन गुरुवार की देर रात हुआ। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भाजपा एनजीओ प्रकोष्ट के जिला संयोजक रविन्द्र श्रीवास्तव ने मौजूद माताओं व बहनों में अंगवस्त्रम् के साथ ही साड़ी व महाप्रसाद का वितरण किया। रविन्द्र श्रीवस्तव ने कहा कि वे लोग बहुत ही भाग्यशाली होते हैं जिन्हें श्रीमद्भागवत गीता का अमृत रस सुनने को मिलता है। कहा कि आज हमारा समाज अपनी संस्कृति को भूलता जा रहा है। जबकि भारतीय संस्कृति ही हमारी व हमारे देश की वास्तविक पहचान है। संस्कारविहीन व्यक्ति को कहीं भी आदर नहीं मिलता। इसलिये जरूरी है कि हम अपने आदर्शों और संस्कारों को अपनाएं, तभी हमारा और हमारे समाज का कल्याण होगा। कार्यक्रम में झांकी के माध्यम से श्रीकृष्ण औऱ सुदामा की मित्रता का सुंदर व सजीव मंचन किया गया। जिसे देखकर पण्डाल में बैठे हजारों दर्शकों की आंखे नम हो गयीं। गौरतलब है कि बीते 19 मार्च से लगातार संगीतमय श्रीमद्भागवत गीता का प्रवचन मुख्य कथा वाचक लालजी महाराज व्यासपीठ द्वारा किया जा रहा था। जिसमें स्वामी हरिहरानंद महाराज, शिवाकांत महाराज, महेन्द्र महाराज, अखिलेश महाराज, विवेक महाराज आदि ने संगीतमय श्रीमद्भागवत गीता सत्संग प्रस्तुत किया। आयोजक टीम में स्कूल प्रबंधक शिवानन्द राय, समिति अध्यक्ष प्रिंस राय, अनिल चौबे, अवनी राय, राजेश राय, संतोष राय, बलिराम बिन्द, शिवम पाण्डेय आदि रहे।



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