कोरोना से मौत की घटनाओं से अछूते गाजीपुर में शुरू हुआ मौत का कहर, 3 मौतों में से एक पुष्ट, दो मौतें अब भी संदिग्ध





गाजीपुर। कोरोना से मौत की घटनाओं से अछूते रहे गाजीपुर में अब कोरोना ने अपना मौत का तांडव शुरू कर दिया है। जिसके तहत एक सप्ताह से भी कम समय से कोरोना से 3 मौतें हो चुकी हैं। जिसमें से एक मौत पुष्ट है, वहीं दो मौतों पर प्रशासन द्वारा स्पष्ट तौर पर कुछ कहा नहीं जा रहा है, लेकिन प्रशासन की तैयारियों को देखते हुए यही लग रहा है कि वो मौतें भी कोरोना से हुई होंगी। जिले की कोरोना से पहली पुष्ट मौत बाराचंवर के दहेंदू गांव निवासी होमियोपैथ के चिकित्सक की हुई। उक्त चिकित्सक खुद ही शारीरिक रूप से कमजोर थे और दमा आदि के मरीज थे। ट्रू नेट मशीन से कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन बाद में हालत बिगड़ने पर वाराणसी रेफर होने के बाद रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। वहीं दो संदिग्ध मौतों में से दूसरी मौत करंडा के सिकंदरपुर में हुई। जहां बीते दिनों गांव निवासी उपेंद्र राम की मौत व दाह संस्कार के बाद उसके कोरोना पॉजीटिव होने की बात पता चली। उक्त व्यक्ति वाराणसी में स्वैब जांच को देने के बाद अपने घर भाग आया था। लेकिन बीते 18 जून को उसकी भी मौत हो गई। जिसके अगले दिन परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया और फिर 20 जून को जैसे ही उसके कोरोना संक्रमित होने की बात लोगों को पता चली, अंतिम संस्कार में शामिल हुए लोगों की हालत खराब हो गई। इस मामले में जिलाधिकारी ने कहा कि अगर ऐसा कुछ है तो अंतिम संस्कार में शामिल सभी की जांच कराई जाएगी। इधर उक्त मृतक के गांव को प्रशासन द्वारा सील भी किया जाने लगा। तीसरी मौत व दूसरी संदिग्ध मौत बहरियाबाद के दरगाह में हुई और यहां भी सिकंदरपुर की तरह वाकया हुआ। जब मौत व अंतिम संस्कार के बाद प्रशासन द्वारा की जा रही भारी भरकम तैयारियों को देखते हुए उसके कोरोना संक्रमित होने की लोगों द्वारा आशंका जताई जा रही है। दरगाह निवासी समीर अहमद की भी तबीयत खराब होने पर उसकी कोरोना जांच के लिए वाराणसी भेजा गया था। तबीयत में सुधार होने के बाद वो वापस आ गया था। लेकिन अभी उसकी रिपोर्ट नहीं आई थी। इस बीच 19 जून को पुनः उसकी तबीयत खराब हुई और वाराणसी ले जाने के दौरान उसकी मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया। इधर उसकी मौत के बाद ही लोग उसके कोरोना पॉजीटिव होने के कयास लगाने लगे लेकिन प्रशासन द्वारा पुष्टि न करने से चुप थे। लेकिन सोमवार को प्रशासन की तैयारियों व उथल पुथल को देखकर लोगों की ये आशंका बलवती होने लगी कि संभवतः समीर की मौत कोरोना से ही हुई है। गांव के लोगों को व संपर्क में आए लोगों को क्वारंटाइन में रहने का निर्देश दिया जा रहा है। गांव को भी सील करने की तैयारी चल रही है।



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