उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद भी नहीं हो रही बर्खास्त शिक्षक की तैनाती, 2010 में किया गया था बर्खास्त





सैदपुर। प्रबंधन द्वारा बर्खास्त किए गए गए शिक्षक के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद भी उनकी तैनाती नही होने से शिक्षक समेत परिवार के सामने जीविकोपार्जन की समस्या उत्पन्न हो गई है। मामला नंदगंज थाना क्षेत्र के पहलवानपुर चट्टी गांव स्थित वित्तपोषित नेहरू पूर्व माध्यमिक विद्यालय का है। सादात ब्लाक के खजुरा गांव निवासी राजेश्वर राय 21 मार्च 1993 को शिक्षक के पद तैनात हुए। फरवरी 2010 तक वे विद्यालय में कार्यरत रहे। फरवरी 2010 में बिना कारण बताए राजेश्वर राय को बर्खास्त कर दिया गया। तब शिक्षक ने उच्च न्यायालय में गुहार लगाई। 2015 में फैसला शिक्षक के पक्ष में आया। उच्च न्यायालय का फैसला आने के बावजूद तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्रकेश यादव ने राजेश्वर राय की पुनः तैनाती नही कराई और सर्वोच्च न्यायालय में फैसले को चैलेंज कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय से बीते 3 अक्टूबर 2019 को फैसला पुनः शिक्षक के पक्ष में आया। सर्वोच्च न्यायालय ने 35 दिन के भीतर शिक्षक की पुनः तैनाती कराने का आदेश दिया। जिसके बाद शिक्षक द्वारा प्रार्थना पत्र के साथ सर्वोच्च न्यायालय का आदेश बीएसए को दिया गया। बावजूद इसके अब तक उन्होंने शिक्षक की तैनाती नही कराई है, जिसके चलते शिक्षक परेशान हैं। उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय का आदेश बेसिक शिक्षा विभाग को प्राप्त होने के बावजूद उनकी तैनाती अधर में लटकी पड़ी है। जिलाधिकारी को भी आदेश संलग्न करते हुए प्रार्थना पत्र दिया गया लेकिन अभी तक कुछ नही हुआ। ऐसे में वह सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगाने को विवश हैं।



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