नवरात्रि में सभी मन्नतें पूरी करती हैं यहां की आदि शक्ति, मत्था टेकने आते हैं हजारों श्रद्धालु
अशोक कुशवाहा की खास खबर देवकली। गंगा के तट पर बने चकेरी धाम स्थित आदि शक्ति मां दुर्गा मंदिर श्रद्धालुओं की गहरी आस्था का केन्द्र है। मान्यता के अनुसार जो भी व्यक्ति नवरात्रि में मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने मत्था टेककर पूजन अर्चन करता है उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है।
किवदंती के अनुसार प्राचीन मंदिर के समीप गंगा के किनारे महाभारत कालीन एक पोखरा है जिसमें गंगा का पानी सदैव चक्कर काटता रहता है। उस पोखरे की गहराई नापने का कई बार प्रयास किया गया लेकिन आज भी उसकी गहराई का पता नहीं चला। कहा जाता है कि पोखरे में जो भी वस्तु डाली जाती है उसका कोई अता पता नही चलता है। ये मंदिर दो दशक पूर्व तब सुर्खियों मे आया जब धाम के महंथ संत त्रिवेणी दास महाराज ने लम्बे व ऊंचे चबूतरे पर विशाल मंदिर का निर्माण कराया। मंदिर में निर्माण के दौरान जयपुर से 9 कुन्तल वजन की संगमरमर की भव्य देवी प्रतिमा भी मंगाकर स्थापित कराई गई। जिसके दर्शन मात्र के लिए प्रत्येक नवरात्रि व श्रावण मास में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है। इसके अलावा यहीं पर रामनवमी का मेला भी लगता है। वहीं पास में राम, लक्ष्मण, मां सीता सहित हनुमान का प्राचीन मंदिर भी स्थित है। पुजारी ने बताया कि परिसर में ही विशाल शिव मंदिर का निर्माण कार्य भी जारी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर को और विकसित कर इसे ऐतिहासिक महत्व का बनाया जा सकता है। इसके अलावा बाढ़ के कारण मंदिर परिसर की चहारदीवारी क्षतिग्रस्त हो गई है। जिसके निर्माण की आवश्यकता है। भक्त नरेंद्र कुमार मौर्य ने बताया कि जो भी भक्त श्रद्धा व विश्वास से मां के दरबार में मत्था टेककर मन्नत मांगता है उसकी मुराद अवश्य पूरी होती है।