करंडा में लाखों की लागत से बने अधूरे पंचायत भवन का नहीं दिख रहा ठोस भविष्य, अधिकारियों पर प्रधान ने लगाया आरोप





करंडा। स्थानीय ब्लॉक परिसर में दोपहर में डीपीआरओ व तहसीलदार औचक ढंग से आ धमके। जिसके बाद कर्मियों में हड़कंप मच गया। इसके बाद उन्होंने एक ग्राम प्रधान को बुलाकर करीब 10 मिनट तक गोपनीय वार्ता की। बता दें कि करंडा में ग्राम प्रधान राजेश बनवासी द्वारा पंचायत भवन बनाया गया है। प्रधान का आरोप है कि उक्त पंचायत भवन का अभी तक भुगतान नहीं किया गया। जिसके चलते निर्माण सामग्री वाले दुकानदार से लेकर मिस्त्री लेबर तक रूपए का तगादा करते हुए उन्हें गाहे बगाहे बेइज्जत करते हैं। इसी मामले को लेकर प्रधान बीते दिनों कई बार उच्चाधिकारियों को लिखित प्रार्थना पत्र देकर भुगतान करने व सचिवालय का काम पूर्ण कराने की मांग कर चुके हैं। लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। ग्राम प्रधान का कहना है कि गांव के ही कुछ लोगों के दबाव में आकर डीपीआरओ सहित जिला स्तरीय अधिकारी दूसरी सरकारी जमीन देखने आये हैं। प्रधान ने बताया कि पंचायत भवन बनवाने में करीब 5 से 6 लाख रूपए लग गए हैं लेकिन अब तक मुझे एक रूपए का भी भुगतान नहीं किया गया। इसके बाद मामला न्यायालय में चला गया तो भुगतान फिर रूक गया। जिसके चलते भट्ठा मालिक, बिल्डिंग मैटेरियल्स के दुकानदार, मिस्त्री आदि बेइज्जत कर रहे हैं। प्रधान ने आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ अधिकारी बाहरी लोगो ंके पक्ष में काम कर रहे हैं। कहा कि चाहे हमारी जान रहे या ना रहे लेकिन हम दूसरी जगह पंचायत भवन नहीं बनवायेंगे। कहा कि जब मुझे दूसरे जगह पंचायत भवन बनने का पता चला तो मैंने डीपीआरओ से पूछा कि अधूरे पड़े पंचायत भवन का क्या होगा तो वो बिना कुछ बताये चले गये। प्रधान ने आरोप लगाते हुए बताया कि अन्य लोगों के प्रभाव में आकर प्रशासन पुराने पंचायत भवन को बारात घर घोषित करने की कोशिश में जुटा हुआ है। वहीं इस मामले में जब डीपीआरओ अंशुल मौर्य से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो कैमरे पर जवाब नहीं देंगे। हालांकि बिना कैमरे पर आए उन्होंने कहा कि तहसीलदार के साथ दूसरी जगह पर सरकारी जमीन देखने आया था। वहीं पुराने पंचायत भवन के सवाल पर कहा कि कोर्ट से स्थगन का आदेश है, इसलिए दूसरी जगह भूमि का चयन किया जाएगा। बहरहाल, सवाल ये है कि कोर्ट के स्थगन के आदेश पर पंचायत भवन को कहीं और बनाया जा रहा है तो कोर्ट के स्थगन आदेश के बावजूद उसे बारात घर घोषित करने की किस तरह से चर्चा चल रही है।



अन्य समाचार
फेसबुक पेज
<< मऊ जिले में कृषि के विकास व भौगोलिक संरचना पर पेश हुआ शोध प्रबंध, सरकार की योजनाओं का कृषि पर बताया प्रभाव
कन्हईपुर के आदर्श शिक्षक की आदर्श छात्रा ने रोशन किया पूरे गाजीपुर का नाम, प्रदेश के बेहतरीन स्कूल का पास किया प्री व मेंस >>