जैनपुर में नील गाय की टक्कर से बैठक में जा रही प्रधानाध्यापिका की मौत, पति घायल, स्कूल टाइम में ही बीईओ ने बुला दी थी बैठक
अपने बेटे को ढाढस बंधाता घायल पिता
सैदपुर। थानाक्षेत्र के जैनपुर में 24 घण्टों के अंदर हुई दो सड़क दुर्घटनाओं में युवक के बाद आज प्रधानाध्यापिका की भी मौत हो गयी। वहीं उनके पति गम्भीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मुबारकपुर निवासिनी 35 वर्षीय शीला यादव पत्नी वीरेंद्र यादव प्राथमिक शिक्षक थी और वर्तमान में लोहजरा प्राथमिक विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापिका थीं। 2015 में आई 72000 भर्ती में वो चयनित हुईं थीं। आज सुबह 11 बजे से सैदपुर बीआरसी में प्रधानाध्यापकों की बैठक बुलाई गई थी। जिसमें शामिल होने के लिए वो आ रही थीं। उनके पति वीरेंद्र स्कूटी से उन्हें छोड़ने आ रहे थे। इस बीच जैनपुर में अचानक सड़क पर सामने एक नील गाय निकलकर आ गया और गाड़ी से वो टकरा गया। घटना में शीला व उनके पति छिटककर गिर पड़े। जिसमें शीला के सिर में गम्भीर चोट आने से मौके पर ही उनकी मौत हो गयी। वहीं वीरेंद्र को कई जगह चोटें आईं। फौरन दोनों को सैदपुर सीएचसी लाया गया, जहां शीला को मृत घोषित कर वीरेंद्र का इलाज किया गया। मृतका 2 पुत्र छोड़ गई है। उनका भी रो-रोकर बुरा हाल था। इधर घटना की सूचना मिलते ही शिक्षकों का सीएचसी पर जमावड़ा लग गया। हर कोई मर्माहत था और परिजनों से सांत्वना दे रहा था। इधर सैदपुर के खण्ड शिक्षा अधिकारी पर भी लोग आक्रोशित होकर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि आखिर सुबह स्कूल टाइम में बैठक बुलाने की क्या आवश्यकता थी। जबकि शासन का स्पष्ट आदेश है कि शिक्षा देने के अलावा कोई भी अन्य काम स्कूल टाइम में न किया जाए। कोई भी बैठक स्कूल में पढ़ाई के घण्टे खत्म होने के बाद ही हों। इसके बावजूद सैदपुर के खण्ड शिक्षा अधिकारी ने ड्यूटी टाइम के बाद न रुकना पड़े, इसलिए मनमाने ढंग से स्कूल टाइम के बीच में ही बैठक बुला ली। बैठक दो सत्रों में बुलाई गई थी, जिसमें पहला सत्र सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक व दूसरा सत्र 1 बजे से 3 बजे तक चलना था। घटना के वक़्त पहले सत्र की बैठक शुरू भी हो गयी थी, लेकिन तभी हादसा हो जाने के बाद उसे स्थगित कर दिया गया। नाम न छापने की शर्त पर विभाग के एक प्रधानाध्यापक व एक शिक्षक ने बताया कि अगर बैठक को शासन के निर्देशानुसार 3 बजे के बाद बुलाया गया होता तो शिक्षिका संग ये हादसा न होता। इस बाबत जब खण्ड शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि शॉर्ट टाइम के लिए बैठक बुलाया जा सकता है। सिर्फ दो-दो घण्टे के लिए बैठक बुलाई गई थी, ताकि उन्हें जरूरी जानकारी दी जा सके। वहीं इस बाबत जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी को फोन करने पर उनका फोन नहीं उठा।