हिंदू धर्म के वेदों से है आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का जुड़ाव, अथर्ववेद की उपशाखा है आयुर्वेद - आयुष राज्यमंत्री





खानपुर। प्रदेश के आयुष राज्यमंत्री डॉ दयाशंकर मिश्रा दयालु रविवार को अपने पैतृक गांव सिधौना स्थित निजी आवास पर पहुंचे। वहां उन्होंने औषधीय एवं मसाले की बागवानी का निरीक्षण किया। औषधीय प्रशासन एवं खाद्य सुरक्षा मंत्री डॉ दयालु ने कहा कि आयुर्वेद एक ऐसी विधा है जिसे वेदों से जोड़ा जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति चार पौराणिक वेदों में से एक अथर्ववेद की एक उपशाखा मानी जाती है। 30 से 40 हजार वर्ष पूर्व भारत पूरे विश्व का चिकित्सा गुरु हुआ करता था। ये होम्योपैथी चिकित्सा के जनक डॉ हैनिमैन के जन्म से करीब 269 वर्ष पूर्व शुरू हुआ और यूनानी चिकित्सा पद्धति मिस्र के यूनान देश से करीब 5 हजार वर्ष पूर्व से शुरू किया गया है। आयुर्वेद और शल्य चिकित्सा भारत में पौराणिक काल से ही होती आ रही है। देश के इस पुरातन चिकित्सा पद्धति को पहली बार केंद्र की मोदी सरकार और यूपी में योगी सरकार ने आयुष मंत्रालय बनाकर इसे पुनर्जागृत किया है। जिसका बेहतर परिणाम कोरोना काल में देखने को मिला। पहले होमियोपैथी, एलोपैथी और यूनानी चिकित्सा अलग-अलग संचालित होती थी। आयुष मंत्रालय तीनों चिकित्सा पद्धतियों को एक साथ समाहित कर संयुक्त चिकित्सा केंद्र खोलने का रहा है। पूरे प्रदेश में 50 बेड वाले 11 अस्पतालों का शुभारंभ भी किया जा चुका है और जल्द ही 9 और संयुक्त चिकित्सा केंद्रों का शुभारंभ किया जाएगा। कहा कि योग और कोविड वैक्सीन में अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करने के बाद एक बार फिर से भारत चिकित्सा के क्षेत्र में भी विश्व का सिरमौर बनने की ओर अग्रसर है।



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