टीबी रोगियों को सरकार ने दी बड़ी खुशखबरी, बिना इंजेक्शन के दर्द के होगा टीबी का खात्मा





ग़ाज़ीपुर। 2025 तक क्षय रोग को खत्म करने के उद्देश्य से भारत सरकार के द्वारा लगातार कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में एमडीआर मरीजों को लगने वाले इंजेक्शन की जगह पर एक नए टेबलेट की लांचिंग की गई है। जिसको लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के सभागार में दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह की अध्यक्षता में किया गया। जिसमें एमडीआर मरीज इंजेक्शन से होने वाले दर्द के कारण दवा छोड़ देते थे। जिसके कारण मृत्यु दर में बढ़ोतरी हो जा रही थी। इसको लेकर शुक्रवार को प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान डीपीसी डॉ मिथिलेश सिंह, टीबी एचबी संजय राय 3 दिन तक स्टेट टीबी प्रशिक्षण केंद्र आगरा से प्रशिक्षण लेकर आए और यहां लोगों को प्रशिक्षण दिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हर गोविंद सिंह ने बताया कि भारत सरकार की मंशा है कि 2025 तक टीबी मुक्त भारत हो। इसी के क्रम में लगातार कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जिसको लेकर 2 दिनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम किया गया है। जिसमें आए हुए लोगों को एमडीआर मरीजों को कैसे दवा दी जानी है, इसके बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। डीपीसी डॉ मिथिलेश सिंह ने बताया कि इस प्रशिक्षण ने सभी ब्लाकों के एसटीएस, एसटीएल्स, टीबी एचबी, एलटी, क्षय विभाग के स्टाफ व अन्य सभी कर्मचारियों को प्रशिक्षण पीएमडीटी गाइडलाइन 2021 के अनुसार दिया गया। जिसके अंतर्गत एमडीआर मरीज को इंजेक्शन लगने पर काफी दर्द हुआ करता था। जिसके चलते हैं वह बीच में ही दवा को छोड़ देता था। जिससे इलाज पूरा ना होने पर टीबी फैलने की आशंका रहती थी। मरीज के मृत्यु की भी संभावना बढ़ जाती थी। लेकिन अब ओरल दवा बेडाक्विलिन मरीज को देना है। जिससे मरीज को पहले की अपेक्षा अब तकलीफ नहीं होगी। इन्हीं सब की जानकारी के लिए इस प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था। इस मौके पर डीटीओ डॉ मनोज कुमार सिंह, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ उमेश कुमार, एसीएमओ डॉ केके वर्मा, डॉ डीपी सिन्हा आदि रहे।



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