लंबे समय से बंद चल रहे निजी स्कूलों व प्ले ग्रुप के संचालकों ने सुनाई करूण व्यथा, सरकार से की निजी स्कूलों को भी खुलवाने की मांग





खानपुर। क्षेत्र के सभी परिषदीय विद्यालय एक जुलाई से खुलने जा रहे हैं, लेकिन निजी स्कूलों के खुलने को लेकर अब तक संशय बना हुआ है। शासन ने एक जुलाई से परिषदीय विद्यालय खोलने का निर्णय लिया है लेकिन संक्रमण को देखते हुए बच्चों को स्कूल आने से आने से अभी मना किया गया है। विद्यालयों में सिर्फ शिक्षक ही आएंगे और विभागीय कार्य करेंगे। लेकिन निजी स्कूलों व प्ले ग्रुपआदि के लिए अब कोई दिशानिर्देश जारी न किये जाने से न सिर्फ विद्यालय प्रबंधन, बल्कि अभिभावक भी अपने बच्चों की एक साल से अधिक समय से बाधित चल रही शिक्षा को लेकर परेशान हैं और उहापोह की स्थिति में हैं। हालांकि कई कान्वेंट स्कूल बंदी के बावजूद अपने छात्रों के लिए ऑनलाइन तरीके से कक्षाएं सुचारू करा रहे हैं और उनकी अगले कक्षा में प्रवेश के लिए औपचारिकता भी अभिभावकों से पूरी करा रहे हैं। लेकिन स्कूलों के न खुलने से ज्यादा परेशानी हो रही है। इस बाबत बहरियाबाद के रायपुर स्थित लालसा इंटरनेशनल स्कूल के प्रबंधक अजय यादव,बासूपुर स्थित वेद इंटरनेशनल स्कूल के प्रबंधक पंकज श्रीवास्तव, डहरा कलां स्थित जीबी इंटरनेशनल स्कूल के प्रबंधक सौम्यप्रकाश बरनवाल आदि ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते मार्च माह में ही बच्चों को स्कूल आने से मना कर दिया गया था। जिसके चलते बच्चों के परीक्षा सहित पढ़ाई संबंधी कई स्कूली प्रक्रियाएं बाधित हो गईं। नए सत्र में भी अभी बच्चों के स्कूल आने का कोई शासनादेश नहीं आया है, जिससे उनके नामांकन और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया ठप्प पड़ गई है। स्कूल बंद होने से बच्चों को उनके नए कक्षा की पुस्तकें, यूनिफार्म, सिलेबस डायरी आदि भी उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। जिससे परेशानी हो रही है। उन्होंने निजी स्कूलों को भी खुलवाने की मांग की है।



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