विकास कार्यों में अनियमितता पाए जाने पर ग्राम प्रधान के वित्तीय अधिकार सीज, दो साल पूर्व हुई थी शिकायत
करंडा। क्षेत्र के सौरम गांव के प्रधान एवं तत्कालीन ग्राम सचिव द्वारा विकास कार्यों में अनियमितता बरतने व प्रधानपति तथा ग्राम पंचायत अधिकारी के नाम पर जारी चेक द्वारा लाखों रुपये निकालने आदि की शिकायतों के सही पाए जाने के बाद ग्राम प्रधान के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकारों को सीज कर दिया गया। बीते 17 जुलाई 2018 में ग्राम प्रधान सीमा जायसवाल के खिलाफ गांव के ही महेंद्र सिंह कुशवाहा, रामकुंवर चौहान, रालदुलार यादव आदि ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर विकास कार्यों में भारी वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया था और जांच कराने की मांग की थी। जिसके बाद जिलाधिकारी ने जिला विकास अधिकारी के निर्देशन में एक जाँच कमेटी का गठन करके जाँच कराने का आदेश दिया था। करंडा के एडीओ पंचायत रमेश चंद्र गुप्ता ने बताया कि जांच में कई अनियमितताएं सही पाये जाने पर ग्राम प्रधान के वित्तीय अधिकारों को सीज कर दिया गया है। वहीं खण्ड विकास अधिकारी करंडा को ग्राम पंचायत सदस्यों में से तीन सदस्यीय कमेटी के गठन करने का निर्देश दिया है। शिकायतकर्ता रामकुँवर चौहान ने बताया कि प्रधानपति जाँच रिपोर्ट को अपनी बड़ी पहुँच के चलते बार-बार ठंडे बस्ते में डलवा देते थे। लेकिन वर्तमान जिलाधिकारी एमपी सिंह ने जाँच रिपोर्ट पर कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया। जिसके बाद गांव में हलचल मच गई है। वहीं प्रधानपति मनोज जायसवाल ने बताया कि गांव के पुराने कार्यों में जेई द्वारा बनाये गये इस्टीमेट के आधार पर ही चेक काटा गया है। किसी तरह की अनियमितता के आरोप गलत हैं।