लॉक डाउन के बाद से बंद सभी सरकारी व निजी अस्पतालों की अब खुलेंगी ओपीडी, लेकिन ये होंगी शर्तें
गाज़ीपुर। प्रदेश सरकार ने ग़ाज़ीपुर समेत सभी जिलों में प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और प्राइवेट क्लीनिक की ओपीडी सेवाओं को आरंभ करने का फैसला किया है। इस संबंध में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग को दिशा-निर्देश दिये हैं। कोविड-19 प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए एवं संक्रमण से बचाव की शर्तो के साथ ओपीडी में मरीज देखें जाएंगे। मरीज के साथ 60 साल से अधिक, गर्भवती महिलाओं व बच्चों को आने की अनुमति नहीं होगी। जिला सर्विलांस अधिकारी एवं एसीएमओ डॉ उमेश कुमार ने बताया कि शासन के द्वारा मिले पत्र के क्रम में जनपद के सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल और महिला अस्पताल में ओपीडी की व्यवस्था शुरू करने के लिए निर्देश दे दिये गए हैं। जिन स्वास्थ्य केंद्रों पर ज्यादा मरीज आने की संभावना है वहां पर पर्ची काटने के दो काउंटर चलाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीज के साथ सिर्फ एक व्यक्ति के आने की छूट दी जाएगी। साथ ही सभी लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य कर दिया गया है। प्राइवेट क्लीनिक को दिये गये निर्देश में कहा गया है कि एक या दो चिकित्सक युक्त प्राइवेट ओपीडी सेवा आरंभ की जाएगी। रोगियों को पहले समय देकर ओपीडी का संचालन किया जाएगा, ताकि भीड़ न जमा हो सके। ओपीडी में शारीरिक दूरी का पालन व बार-बार हाथ धोने का पालन करना होगा। ओपीडी में बैठने वाले चिकित्सक पैरामेडिकल स्टाफ कोविड-19 के प्रोटोकॉल से भलीभांति परिचित होने चाहिए। प्राइवेट अस्पताल में मरीज की अलग से स्क्रीनिंग करने के लिये व्यवस्था करनी होगी। निर्देश में यह भी कहा गया है कि प्राइवेट अस्पताल में मास्क, ग्लव्स व पीपीई किट पर्याप्त मात्रा में होनी चाहिए। क्लीनिक व अस्पताल के बाहर सोडियम हाइपोक्लोराइड के घोल का छिड़काव किया जाना अनिवार्य होगा। जबकि स्वास्थ्य केन्द्रों के लिये दिये गये निर्देशों में कहा गया है कि स्वास्थ्य केन्द्रों पर आने वाले व्यक्ति की थर्मामीटर से स्क्रीनिंग की जाएगी। एक रोगी के साथ एक तीमारदार ही प्रवेश कर पाएगा। स्वास्थ्य केन्द्र पर आये मरीज व तीमारदार के चेहरे पर मास्क अनिवार्य रूप से होना चाहिए। जुकाम, खांसी बुखार और सांस लेने में परेशान वाले रोगियों को अलग कक्ष में देखा जाए। चिकित्सा परिसर में दिशा चिह्न बनाए जाएं ताकि कोविड-19 लक्षण वाले व्यक्ति अलग कक्ष पर पहुंच सकें। पंजीकरण करने वाले व्यक्ति को अनिवार्य रूप से चेहरे पर मास्क लगाना होगा साथ ही ग्लव्स का प्रयोग करना होगा। अधिक मरीज वाले स्वास्थ्य केन्द्र पर पंजीकरण काउन्टर बढ़ाए जाएं। शारीरिक दूरी का पालन हर हाल में किया जाए। स्वास्थ्य केन्द्र पर आने वाले शुगर, ब्लड प्रेशर के मरीजों को एक माह की दवा उपलब्ध करायी जाए, जिससे ऐसे मरीजों को बार-बार न आना पड़े। ओपीडी के बाहर प्रतीक्षारत क्षेत्र में भी शारीरिक दूरी का पालन किया जाए। रेवतीपुर ब्लॉक की बीपीएम बबिता सिंह ने बताया कि गुरूवार को सीएचसी रेवतीपुर पर प्रभारी चिकित्साधीक्षक डॉ इमाम हुसैन सिद्दीकी ने करीब 60 से 65 मरीज देखे। इस दौरान शासन की गाइडलाइन का पूरा पालन किया गया और सभी मरीजों को थर्मल स्क्रीनिंग के पश्चात ही डॉक्टर के द्वारा देखा गया। उन्होने बताया कि आज आने वाले मरीजों में ज्यादातर सामान्य रोगों के मरीज रहे हैं जिन्हें दवा देकर वापस भेजा गया।