मानदेय न मिलने का आरोप लगाकर विद्युत संविदाकर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार, एक्सईएन के समझाने पर आए वापस
करंडा। भले ही पीएम मोदी ने अपने संबोधन में विद्युतकर्मियों को कोरोना योद्धा न कहा हो लेकिन सफाई, चिकित्सा व पुलिसकर्मियों की तरह विद्युत कर्मियों ने भी अपने-अपने क्षेत्र में निर्बाध आपूर्ति के लिए जान को जोखिम में डालकर योद्धाओं की तरह लगातार काम किया है। ऐसे में उन्हीं योद्धाओं ने अब मानेदय न मिलने के आरोप के साथ कार्य बहिष्कार कर दिया है। हालांकि अधिशासी अभियंता से बातचीत करने के बाद कर्मी वापस कार्य पर लौट आए। क्षेत्र के विद्युत संविदाकर्मियों ने बीते 4 माह से मानेदय न मिलने के आरोप में बुधवार से कार्य बहिष्कार कर दिया और गांव में ही बैठकर नारेबाजी की। जिसके बाद चोचकपुर के अवर अभियंता को पत्र भी सौंपा। संविदा कर्मियों ने बताया कि जनवरी से अब तक उन्हें मानदेय नहीं दिया गया है। जिससे उनके परिवार के सामने भूखमरी की समस्या आ खड़ी हो गई है। ऐसे समय में जब हर कोई कोरोना महामारी से डरकर घरों में बंद था तो हम अपनी जान जोखिम में डालकर बिजली को लगातार बनाए रखते थे ताकि लोग घरों में रहें। इसके बावजूद हमें अब तक भुगतान नहीं किया गया। कहा कि जनवरी से अप्रैल तक का मानदेय जब तक नहीं मिल जाता, हमारा कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। इस बाबत अधिशासी अभियंता आशीष चौहान ने कहा कि ये मामला सभी संविदाकर्मियों का नहीं है। बल्कि सिर्फ चोचकपुर पंप कैनाल पर कार्यरत 3 संविदाकर्मियों का है। जिनका भुगतान नहीं हुआ था। उनसे बातचीत करके उनका अकाउंट नंबर लिया गया है, एक सप्ताह के अंदर भुगतान कर दिया जाएगा। कहा कि कोई भी कर्मी कार्य बहिष्कार पर नहीं है, बल्कि वो वार्ता के लिए एकजुट हुए थे।