आखिरकार 49वें दिन कोरोना के आगे सैदपुर ने टेके घुटने, साढ़े 3 माह से कोरोना मुक्त सैदपुर में एक झटके में फूटा कोरोना बम, जानें गाजीपुर में कोरोना के सफर की पूरी कहानी -
सैदपुर। जिले में शुरू हुए कोरोना के प्रकोप से 48 दिनों तक पूरी तरह से बचने के बाद आखिरकार 49वें दिन व कोरोना के देश में घुसने के पौने 4 माह बाद सैदपुर भी कोरोना की जद में आ ही गया। जिसके बाद क्षेत्रीय लोगों में तनाव का माहौल है। अंतिम तहसील के कोरोना पॉजीटिव होने के साथ ही अब पूरा जिला कोरोना से ग्रसित हो गया है। हालांकि इसके पूर्व भी तहसील क्षेत्र के देवकली स्थित एक गांव में कोरोना का मरीज मिल चुका है। गाजीपुर जिले में कोरोना का पहला मामला 2 अप्रैल को आया था, जब दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज से आए तबलीगी जमात का एक मौलवी पॉजीटिव पाया गया था। उसके बाद महिला समेत जमात के ही 5 लोग पॉजीटिव पाए गए थे। जो वर्तमान में पूरी तरह से ठीक होकर क्वारंटाइन में रह रहे हैं। इसके करीब एक माह बाद बाद 10 मई से जिले में कोरोना के मरीजों का मिलने का सिलसिला शुरू हुआ तो अब महज एक पखवारे के अंदर अर्धशतक लगाते हुए 65 तक का आंकड़ा छू चुका है। लेकिन इन सब के बावजूद जिले का इकलौता सैदपुर क्षेत्र कोरोना से अब तक अछूता था। यहां पर भारी संख्या में प्रवासी आए, जिले में घुसते ही पहला तहसील होने के नाते यहीं पर प्रवासियों की जांच भी होती थी, इसके बावजूद अब तक कोई पॉजीटिव नहीं मिला था। जिसके चलते स्थानीय लोग भी काफी लापरवाही बरतने लगे थे और लॉक डाउन का खुला उल्लंघन करने लगे थे। मरीजों के न मिलने से सैदपुर के लोग चैन की सांस ले ही रहे थे कि अचानक गुरूवार को एक झटके में सैदपुर में भी कोरोना बम फूट गया और सैदपुर समेत खानपुर में एक झटके में कुल 8 प्रवासी पॉजीटिव मिल गए। जिसके बाद गुरूवार की रात से लेकर शुक्रवार को पूरे दिन लोग सैदपुर क्षेत्र के मरीजों की स्थिति जानने को परेशान रहे। वहीं खानपुर में मिले 7 पॉजीटिव मरीजों के गांवों का लोकेशन कुछ इस तरह से है कि एक प्रकार से खानपुर का अधिकांश हिस्सा सभी गांवों से घिरा हुआ है। यानी अगर सभी गांवों को हॉट स्पॉट बनाया गया तो संभव है कि खानपुर का बड़ा हिस्सा ब्लॉक हो जाए। बहरहाल, देश में 30 जनवरी को मिले पहले कोरोना पॉजीटिव के करीब साढ़े 3 माह बाद व जिले में 49 दिनों तक कोरोना को मात देने वाला सैदपुर भी अब कोरोना पॉजीटिव बन गया है। अब लोगों को और ऐहतियात बरतने की जरूरत है। सबसे ज्यादा खतरा बैंक, थाना, रोजमर्रा के सामान की दुकानें आदि से है जहां रोजाना भारी संख्या में लोगों का आना होता है।