.....और कोटेदार के खिलाफ सड़क पर उतर गए ग्रामीण
सैदपुर। थानाक्षेत्र के बौरवां ग्राम सभा के कई बस्तियों के लोगों का हुजूम कोटेदार के विरोध में व खुली बैठक न होने को लेकर बुधवार की सुबह सड़क पर आ गया और सैदपुर-सादात मार्ग को जाम कर दिया। इस दौरान करीब साढ़े 3 घंटे तक सड़क जाम रहा। बाद में मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी शिशिर कुमार ने ग्रामीणों को समझा बुझाकर जाम समाप्त कराया।
बौरवां गांव के ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के कोटेदार राजेंद्र मौर्य द्वारा सरकारी सस्ता गल्ला के वितरण में भारी धांधली की जाती है। वो कोटे तक राशन आने के पूर्व ही राशन को ब्लैक कर देते हैं साथ ही पात्रों का नाम कटवाकर अपात्रों का नाम सूची में डलवाने का भी आरोप है। इन्हीं आरोपों को लेकर ग्रामीणों ने अधिकारियों से शिकायत की थी जिसके बाद करीब 1 माह पूर्व गांव में डुगडुगी बजवाकर सभी ग्रामीणों को खुली बैठक में कोटेदार के चुनाव के लिए बौरवां स्थित प्राथमिक विद्यालय पर बुलवाया गया था। लेकिन उस दिन अधिकारी ही नहीं आए जिसके कारण चुनाव नहीं हो पाया। अगले दिन ग्रामीणों ने एसडीएम के यहां पत्रक दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने जिला मुख्यालय पर जाकर धरना प्रदर्शन किया। जिलाधिकारी कार्यालय से पुनः आश्वासन मिला कि 9 अक्टूबर तक कोटेदार का चुनाव करा दिया जाएगा। लेकिन 9 अक्टूबर तक भी समस्या का समाधान न होने पर बौरवां के हरिजन बस्ती, राजभर बस्ती, मुसहर बस्ती, नट आदि बस्तियों के लोगों ने 10 अक्टूबर यानी बुधवार को बौरवां स्थित नहर के पुल पर सुबह 7 बजे सैदपुर-सादात मार्ग को जाम कर दिया जिससे दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। मौके पर मय फोर्स पहुंचे कोतवाल शरदचंद्र त्रिपाठी ने समझाने बुझाने की काफी कोशिश की लेकिन वो सुनने को तैयार ही नहीं थे। करीब साढ़े 3 घंटे बाद साढ़े 10 बजे पहुंचे एसडीएम ने ग्रामीणों को समझा बुझाकर आश्वासन दिया कि 27 अक्टूबर को खुली बैठक कराई जाएगी तब जाकर उन्होंने जाम समाप्त किया। इस मौके पर ग्रामीण दिनेश यादव, हंसराज यादव, गोविंद यादव, अरविंद, सुबच्चन राम, बसंती, सुमंत्री, संता, लालमुनि आदि मौजूद थे।