गाजीपुर : स्वयं सहायता समूह को दिए गए लोन की माफी सहित 7 मांगों के साथ दूसरे दिन भी चला अनिश्चितकालीन धरना
गाजीपुर। नगर के सरजू पांडेय पार्क में मनरेगा मजदूर संघ द्वारा कर्ज माफी समेत 7 सूत्रीय मांगों को लेकर किया जा रहा धरना प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा। जहां संघ के अध्यक्ष अंबिका प्रसाद ने बताया कि संगठन कई सालों से अपनी 7 मांगों को लगातार कर रहा है लेकिन अब तक नहीं मानी गई हैं। बताया कि 2022 में संघ ने ब्लॉक स्तर पर काम मांगो अभियान के तहत एक दिवसीय धरना किया था लेकिन तब भी मांगों को नहीं माना गया। इसके बाद 2023 में अधिकार सत्याग्रह आंदोलन करके हर जिले में एक दिवसीय धरना किया गया था। इसके बाद पूरे प्रदेश से 30 हजार पत्रों को मुख्यमंत्री को भेजकर मांगें रखी गईं लेकिन फिर भी किसी ने आवाज नहीं सुनी। बीते 2 फरवरी को संगठन के 5 वें स्थापना दिवस पर लखनऊ के ईको गार्डन में प्रदेश भर के लाखों कार्यकर्ताओं ने आंदोलन किया लेकिन सरकार ने फिर से अनसुना कर दिया। इसीलिए अब संघ के अध्यक्ष अंबिका प्रसाद ने समूह कर्ज माफी सहित संगठन की 7 मांगों के साथ अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। मांगों के बाबत बताया कि प्रदेश भर के स्वयं सहायता समूह को स्वरोजगार के लिए दिए गए लोन को माफ करने के साथ ही ग्रामीण समूह को माइक्रो फाइनेंस कंपनियों द्वारा दिए गए ऋण का उचित निपटारा कराकर उनके द्वारा ऋण देने और वसूली करने की ऐसी स्पष्ट नियमावली बनाई जाए, जिससे समूह का शोषण ना हो सके। साथ ही अब तक माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के एजेंटों द्वारा प्रताड़ित किए जाने से आत्महत्या कर चुके सदस्यों के बच्चों के भरण पोषण के लिए उचित मुआवजा दिया जाए। कहा कि मनरेगा में भ्रष्टाचार रोकने हेतु मनरेगा मजदूर संघ को निगरानी एवं निरीक्षण का प्रभावी अधिकार दिया जाए। साथ ही सोशल ऑडिट का अधिकार मनरेगा मजदूर संघ को दिया जाए और संघ के कम से कम 8 प्रतिनिधियों को गैर सरकारी सदस्य के रूप में राज्य गारंटी परिषद में सम्मिलित किया जाए। मांग किया कि नदियों, नहरों तथा बड़े नालों की खुदाई एवं उसके दोनों तरफ पौधे लगाने तथा उनके संरक्षण के लिए मनरेगा मजदूर संघ को क्रियान्वयन निकाय बनाया जाए। स्वयं सहायता समूह को समुचित रूप से स्वरोजगार करने के लिए सरल बाजार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा मजदूर कल्याण ट्रस्ट को चलो गांव की ओर अभियान के तहत ग्रामीण वाटिका स्थापित करने की अनुमति प्रदान की जाए। अंतिम मांग में किसानों को सरलता से श्रमिक उपलब्ध हो सकें, इसके लिए मनरेगा को कृषि से जोड़ने व श्रमिकों का पलायन रोकने के लिए मनरेगा की न्यूनतम मजदूरी 400 रूपए करने के साथ ही साल में 200 दिन रोजगार देने की बात कही। कहा कि मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। इस मौके पर जिलाध्यक्ष हरेंद्र यदुवंशी, प्रमोद सिंह यादव आदि रहे।