मनिहारी : झोलाछाप चिकित्सकों से 4 प्रसूताओं का प्रसव कराने वाला अस्पताल सीज, फरार होने की कोशिश कर रही संचालिका को पुलिस ने पकड़ा, मुकदमा दर्ज
गाजीपुर। जिले के हंसराजपुर स्थित नसीरपुर के दीपशिखा अस्पताल में अवैध रूप से प्रसूताओं का ऑपरेशन करके प्रसव कराने व अस्पताल में सर्जन के न मिलने के बाद अस्पताल को सीज करने के बाद अब विभाग ने उक्त अस्पताल के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करा दिया है। जिसके बाद जिले भर के लगभग हर तहसील क्षेत्र में इस तरह के फर्जी अस्पताल संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। इसके बावजूद वो बेखौफ होकर अस्पताल को न सिर्फ अब भी संचालित कर रहे हैं, बल्कि विभाग की कार्रवाई से बचने की जुगत लगाने में जुट गए हैं। एक सप्ताह पूर्व मिली शिकायत के आधार पर जिले के स्वास्थ्य विभाग के सहायक नोडल अधिकारी शिशिर शैलेश ने दीपशिखा अस्पताल की जांच की थी तो उस समय एक महिला मिली थी लेकिन कोई चिकित्सक नहीं मिले थे। उस समय तो कोई कार्रवाई नहीं की गई। लेकिन सोमवार को सहायक नोडल एक बार फिर से पूरी टीम व भारी पुलिस फोर्स के साथ दीपशिखा अस्पताल पर औचक छापेमारी की। उन्हें शिकायत मिली थी कि इस अस्पताल में बिना डिग्री वाले झोलाछाप लोगों द्वारा प्रसूताओं व गर्भस्थ शिशु की जान जोखिम में डालकर ऑपरेशन कर दिया जाता है। जिसके बाद टीम ने छापेमारी की तो वहां पर 4 प्रसूताएं भर्ती मिलीं, जिनका ऑपरेशन करके प्रसव कराया गया था। उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान सिर्फ 4 प्रसूताएं मिलीं लेकिन मौके पर कोई चिकित्सक नहीं मिला। चारों प्रसूताओं का इलाज भगवान भरोसे देखते ही सहायक नोडल का पारा चढ़ गया। इसके बाद उन्होंने अस्पताल संचालिका विजयलक्ष्मी से कागज आदि मांगा तो उसमें दर्ज ऑपरेशन करने वाले सर्जन के बाबत पूछा। जिस पर संचालिका ने बताया कि सर्जन आ रहे हैं। इसके बाद 3 घंटे तक सहायक नोडल ने कथित सर्जन का इंतजार किया लेकिन कोई नहीं आया। इस बीच मौका देखकर संचालिका विजय लक्ष्मी मौके से फरार होने की भी कोशिश करने लगी लेकिन सहायक नोडल ने पहले ही पुलिस फोर्स को चौकन्ना कर दिया था। जिसके चलते पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इधर घंटों बाद भी सर्जन को नहीं बुलाया जा सका। इसके बाद उन्होंने ऑपरेशन कक्ष, मेडिलक स्टोर, वार्ड आदि की जांच की। अंत तक सर्जन को न बुला पाने के बाद उन्होंने अस्पताल को सीज करते हुए एफआईआर दर्ज कराया। इसके बाद वहां भर्ती चारों प्रसूताओं को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया।