बड़ेपुर में जलमग्न भूमि का पट्टा होने का आरोप, मछली पालन को लेकर पोखरी के विवाद में ग्रामीणों ने खोला मोर्चा
गाजीपुर। देवकली ब्लॉक के बडे़पुर गांव में मछली पालन के लिए पोखरी के विवाद को लेकर प्रधान प्रतिनिधि राजनारायण यादव ने ग्रामीणों के साथ मोर्चा खोल दिया है। वहीं गांव निवासी नाजिम का दावा है कि उसके पिता द्वारा करीब 35 साल पहले उक्त पोखरी का पट्टा कराया गया था और उसने साक्ष्य भी मौजूद होने की बात कही। लेकिन हैरानी की बात ये है कि इन दावों व मोर्चा खोलने के बीच आज के समय में सरकारी दस्तावेज यानी खतौनी में अब भी उक्त जमीन पर मछली पालन के लिए बनी पोखरी ही दिख रही है। इस बाबत प्रधान प्रतिनिधि ने बताया कि करीब 25 वर्ष पूर्व ग्राम प्रधान द्वारा उक्त पोखरी का पट्टा कर दिया गया था। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि यह श्रेणी 6 (1) की जलमग्न भूमि है और जलमग्न भूमि का पट्टा किसी भी हाल में हो ही नहीं सकता है। उन्होंने दावा किया कि सबसे पहले जो पट्टा कराया गया है, नियमानुसार वो खुद ही गलत है। बताया इस बाबत सैदपुर के उपजिलाधिकारी से मेरे द्वारा दो बार लिखित शिकायत भी की जा चुकी है और सुनवाई न होने पर जिलाधिकारी से लिखित शिकायत कर उक्त पोखरी को खाली कराने का मांग की गई, ताकि उक्त पोखरी किसी व्यक्ति विशेष कि न रहकर ग्राम पंचायत की रहे। मांग किया कि मछली पालन के लिए उक्त पोखरी का मनरेगा के तहत सौंदर्यीकरण कराकर जल संचय किया जाय। इसके बावजूद अब तक प्रशासनिक स्तर से किसी तरह की कोई संतोषजनक कारवाई नहीं की गई। इसी मुद्दे को लेकर प्रधान प्रतिनिधि ने ग्रामीणों के साथ मोर्चा खोल दिया है।