यूविन ऐप के जरिये टीकाकरण करके प्रमाणपत्र जारी करने वाला प्रदेश का पहला जिला बना गोरखपुर, याद भी दिलाएगा ऐप
गोरखपुर। टीकाकरण सत्र पर गर्भवती और बच्चे का नियमित टीकाकरण भारत सरकार के यूविन एप के जरिये सिर्फ मोबाइल नंबर और पहचान पत्र (आईडी) की मदद से हो जाएगा। गोरखपुर में इसकी शुरूआत भी हो चुकी है। जिला महिला अस्पताल में गर्भवती को यूविन एप जरिये टीका लगा कर प्रमाण पत्र जारी करने के बाद गोरखपुर प्रदेश का पहला ऐसा जिला बन गया है, जहां सत्र को एप के जरिये शुरू किया गया। इस एप की एक विशेषता यह भी है कि एक बार पंजीकरण के बाद टीका लग गया तो अगले टीके के लिए लाभार्थी के मोबाइल पर कई बार संदेश जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा, उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ हरिओम पांडेय, यूएनडीपी संस्था के प्रतिनिधि पवन सिंह और सहायक शोध अधिकारी अजीत सिंह की टीम इस एप पर जिले के सभी टीकाकरण सत्र को शुरू करने के लिए जुटी हुई है। छह मार्च को प्रत्येक ब्लॉक के पांच पांच सत्रों को एप के जरिये संचालित किया जाएगा। शहर में भी नौ स्थानों पर एप के जरिये सत्र चलेंगे। जिले में इस समय 594 सत्र स्थलों पर बुधवार और शनिवार को नियमित टीकाकरण होता है। इनके अलावा सभी 23 शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर सोमवार को छोड़ कर बाकी कार्यदिवसों में नियमित टीकाकरण किया जाता है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर में पहले से ही यूविन एप के जरिये टीकाकरण सत्र का संचालन किया जा रहा था। केंद्र सरकार के निर्देश पर वहां चले पॉयलट प्रोग्राम के तहत 2000 से अधिक लाभार्थियों का सफल टीकाकरण किया जा चुका है। डॉ दूबे ने बताया कि नयी व्यवस्था के तहत लाभार्थी को सिर्फ एक मोबाइल और कोई एक पहचान पत्र देकर पंजीकरण करवाना है। कोविड टीकाकरण के समय जितने पहचान पत्र मान्य थे, वह सभी यूविन एप पर भी मान्य होंगे। जिले के सभी ब्लॉक के चिकित्सा अधिकारियों, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबन्धक और डेटा एंट्री ऑपरेटर्स को इस संबंध में एम्स गोरखपुर में प्रशिक्षित किया जा चुका है और एएनएन को सत्र स्थलों पर ही प्रशिक्षण देकर सत्र का संचालन किया जा रहा है। इस वर्ष जिले में एक लाख से अधिक बच्चे सम्पूर्ण प्रतिरक्षित हो चुके हैं। जिन बच्चों को टीके की कुछ डोज लगी हैं, उन्हें बाकी डोज भी एप की मदद से ही लगाए जाएंगे। नयी व्यवस्था से लाभार्थी परिवार बच्चे के टीकाकरण संबंधी प्रमाण पत्र को खुद डाउनलोड कर प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना जैसी योजनाओं का लाभ उठा सकेगा। कहा कि एप पर पंजीकरण करवाने वाले लाभार्थी अगर किसी अन्य प्रदेश में चले जाते हैं तो वहां भी आईडी और मोबाइल नंबर के जरिये उनके टीकाकरण का विवरण पता चल जाएगा और शेष टीके वह दूसरे प्रदेशों में भी लगवा सकते हैं। सीएमओ ने बताया कि गर्भवती को दो बार टीडी का टीका लगाया जाता है, जबकि बच्चों के लिए जन्म से पांच वर्ष के भीतर सात बार टीकाकरण आवश्यक है। इससे 13 प्रकार की गंभीर बीमारियों से बचाव होता है। इस दौरान जिला महिला अस्पताल में 21 वर्षीय गर्भवती अन्नू राज को टीडी का पहला टीका लगाया गया। एएनएम अनुष्का द्वारा टीका लगाने के बाद यूविन एप से उन्हें प्रमाण पत्र भी जारी किया गया। अन्नू राज ने बताया कि चार हफ्ते बाद दूसरा टीका लगवाने के लिए कहा गया है। उन्हें बताया गया है कि दूसरे टीके के लिए भी उनके पास संदेश जाएगा। उन्हें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रमाण पत्र दिया जाएगा।