यूपी में 18 साल से कम उम्र वालों ने की सड़क दुर्घटना तो उनके अभिभावक जाएंगे जेल, 16 साल वालों को सरकार ने दी ये छूट





गाजीपुर। देश की संसद में पूरे देश के लिए बनाए गए नए हिट एंड रन कानून पर हो रहे देशव्यापी विवाद के बीच यूपी सरकार ने बड़ा आदेश दे दिया है। इस नए आदेश के तहत अब पूरे उत्तर प्रदेश में 18 साल से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति द्वारा र्सावजनिक स्थल पर दो पहिया व चार पहिया चलाना अपराध माना जाएगा। नौसिखिए चालकों के चलते प्रदेश में हर रोज बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं व उनमें होने वाली मौत पर लगाम लगाने की दिशा में इस आदेश को सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है। सरकार का आदेश है कि इस आदेश के बाद अब अभियान चलाकर 18 साल से कम उम्र वालों को और उनके अभिभावकों को भी जागरूक किया जाएगा। इस नए आदेश के तहत सरकार ने आदेश दिया है कि 18 साल से कम उम्र का कोई भी व्यक्ति वाहन नहीं चलाएगा। इसके बावजूद अगर कोई ऐसा व्यक्ति वाहन चलाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी होगी। रिपोर्ट के अनुसार, सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाने वाले 100 में से 40 प्रतिशत वो नाबालिग बच्चे होते हैं, जिनकी उम्र 12 से 18 वर्ष के बीच की होती है। कहा कि नए आदेश के बाद भी अगर कोई नाबालिग वाहन चलाता है तो इसके लिए किशोर के संरक्षक या वाहन मालिक को दोषी मानते हुए उसे 3 साल की सजा व 25 हजार रूपए तक का जुर्माना लगाते हुए उस वाहन का पंजीकरण एक साल के लिए निरस्त कर दिया जाएगा। साथ ही दुर्घटना करने वाले किशोर का लाइसेंस 25 साल की उम्र पूरी करने के बाद ही बन सकेगा। हांलाकि सरकार द्वारा एक सहूलियत ये दी गई है कि 16 साल की उम्र पूरी करने वाले किशोर 50 सीसी से कम क्षमता के वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर चला सकते हैं। लेकिन ये बाध्यता भी 16 साल व 50 सीसी वाहन तक ही सीमित रखी गई है, ताकि रफ्तार के चलते होने वाली दुर्घटनाओं पर रोक लगाई जा सके। इस नए आदेश के बाबत परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह ने आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। साथ ही माध्यमिक शिक्षा निदेशक से इसके लिए विद्यालयों में अभियान चलाने को कहा गया है। इसी क्रम में माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने भी प्रदेश के सभी जनपदों के डीआईओएस को इसके लिए पत्र जारी कर निर्देश दे दिया है। उन्होंने कहा है कि शिक्षकों को भी रोड सेफ्टी नोडल शिक्षक नामित किया जाए। स्कूलों में होने वाली प्रार्थना सभाओं में बच्चों को सड़क सुरक्षा की जानकारी दें और उन्हें इसकी शपथ भी दिलाएं। साथ ही विद्यालयों में सड़क सुरक्षा के नियमों से संबंधित वॉल पेंटिंग कराई जाए। किशोरों के व्हाट्सअप ग्रुप बनाकर इससे संबंधित जानकारी व सुझाव साझा करें और जागरूकता के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म का सहयोग लेने का निर्देश दिया। कहा कि छात्रों को बताया जाए कि सिर्फ वाहन स्वामी पर ही नहीं बल्कि बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर उनके खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।



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